दिनकर बराबरी का हिन्दुस्तान चाहते थे — प्रो अपूर्णानन्द।
डीएनबी भारत डेस्क

दिनकर राजनेताओं के काम के कवि थे। दिनकर का नाम लेकर राजनेता वैतरणी पार करते हैं। उक्त बातें राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 117 वीं जयंती समारोह के समापन अवसर पर बुधवार को दिनकर पुस्तकालय सभागार में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में दिनकर साहित्य और हमारा समय विषय पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए एलएनएमयू दरभंगा के प्रख्यात विद्वान प्रोफेसर चन्द्रभानु प्रसाद सिंह ने कहा। उन्होंने कहा तुलसी के बाद दिनकर की पंक्तियां उद्धृत किया जाता है। दिनकर की वजह से सिमरिया का विकास हो रहा है।
उन्होंने कहा अगले वर्ष में दिनकर जयंती पर समर शेष स्मारिका में आगत अतिथियों व राजनेताओं का लेखा जोखा हो। वहीं इस अवसर पर मिथिलांचल संगीत महाविद्यालय के निदेशक अशोक कुमार पासवान व उनकी टीम द्वारा दिनकर की रचना का गीत प्रस्तुत किया गया।इस अवसर पर मुजफ्फरपुर के छात्र अभिषेक कुमार ने दिनकर की कविता पाठ किया। वहीं मुख्य अतिथि सह दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय हिन्दी विभाग के प्रो अपूर्णानन्द ने कहा कि भारतवर्ष हिन्दू मुस्लिम सब बराबरी के साथ रह सकें। दिनकर ऐसा ही हिन्दुस्तान चाहते थे।हर कोई सुरक्षित हो, जहां किसी को किसी से डर नहीं हो। वही हिन्दी प्राध्यापक गोपाल जी प्रधान ने कहा कि भारत में सामाजिक बराबरी लाने का सपना था दिनकर जी का।
दिनकर साहित्य का केंद्र है समावेशन है। लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन विषमता है। सत्ता का केंद्र निर्लज्ज है। जिसके हाथ में शासन है वो निर्लज्ज है। वही एसोसिएट प्रोफेसर हरियाणा प्रो सिद्धार्थ शंकर राय ने कहा कि देश में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार सब खतरे में पड़े हुए हैं। सूचना क्रांति से सूचना मिलती है लेकिन रोजी रोटी खतरे में है। सामंतवाद नये सिरे से आ रहा है।कही न्याय प्राइवेट ना हो जाए। वही जीडी कालेज के प्रो अभिषेक कुंदन ने कहा कि दिनकर को बचाए रखने की जरूरत है। प्रतिक्रिया वादी ताकतों को बचाए रखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा दिनकर के काव्यों में नहीं हमारे संपूर्ण जनमानस में जिंदा रहेंगे।मंच संचालन प्रवीण प्रियदर्शी ने किया।आगत अतिथियों ने दिनकर के तैल चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित किया। इसके पूर्व जीरोमाइल गोलंबर एवं पंचायत भवन स्थित दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।इस अवसर पर स्मारिका समर शेष है — 13 पुस्तक का लोकार्पण किया गया।इस अवसर पर राजेश कुमार, रामनाथ सिंह, अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा, डा रामरेखा सिंह , शेखर सावंत, राजकिशोर सिंह सहित अन्य मौजूद थे।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट