दिनकर साहित्य को आत्मसात करने की जरूरत है – दीपक सिन्हा

DNB Bharat Desk
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बेगूसराय/बीहट-रामधारी सिंह दिनकर की 117वीं जयंती के तीसरे दिन रविवार को दिनकर आवास पर दिनकर जयंती मनाई गई। दिनकर स्मृति विकास समिति सिमरिया के तत्वावधान में 13 दिवसीय आयोजन के तीसरे दिन दिनकर पुस्तकालय सिमरिया के अध्यक्ष विश्वंभर सिंह की अध्यक्षता में आगत अतिथियों ने दिनकर के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण किया गया। संचालन स्थानीय पत्रकार प्रवीण प्रियदर्शी ने किया।

मौके पर वक्ताओं ने दिनकर के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। असम के राज्य सचिव दीपक सिन्हा ने कहा कि दिनकर सिर्फ कवि ही नहीं गद्यकार भी थे। दिनकर भविष्यवेत्ता कवि थे। उन्होंने दिनकर की बाल कविता पर विस्तार से बताया। साहित्यकार पुष्कर प्रसाद सिंह ने कहा कि दिनकर साहित्य को आत्मसात करने की जरूरत है। हर युग में दिनकर की कविता की जरूरत है। दिनकर जन जन के कवि थे। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में गांव के नौनिहाल बच्चों ने दिनकर की कविताओं का पाठ किया।

दिनकर साहित्य को आत्मसात करने की जरूरत है - दीपक सिन्हा 2बच्चों में अभय कुमार, सुमित कुमार, अमन कुमार, रमण कुमार, आर्यन कुमार, शिवानी कुमारी, गुलशन कुमार, आयुष कुमार, श्रेया कुमारी ने कविताओं का पाठ किया।विदित हो कि दिनकर जयंती समारोह का समापन 24 सितंबर को दिनकर की जन्मभूमि सिमरिया में होगा जिसमें राष्ट्रीय स्तर के साहित्यकार आयोजित परिचर्चा में भाग लेंगे । वहीं स्वागत भाषण समिति के कोषाध्यक्ष रामनाथ सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा ने किया।

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