विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा कराए गए विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान में हुई लापरवाही का सच परत दर परत उजागर होता जा रहा है। एक अगस्त को जारी मतदाता सूची के अनुसार
डीएनबी भारत डेस्क

कैमूर जिले के मोहनिया विधानसभा के पिपरिया में जांच के दौरान जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया गया है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने बिहार में SIR यानी विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण करवाया है। ड्राफ्ट सूची तैयार कर बूथ स्तर तक बीएलओ के जरिए पहुंचा दिया गया है। लेकिन बिहार में कराए गए मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया पर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है।
यही नहीं विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार के भीतर पूरा विपक्ष देश के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में वोट अधिकार यात्रा कर रहा है। निर्वाचन आयोग पर वोट चोरी का भी आरोप लगाया जा रहा है। यही नहीं विपक्ष मतदाता पुनरीक्षण में कई तरह की गड़बड़ियों का दावा कर रहा है। इस बीच बिहार मोहनिया विधानसभा के पिपरिया गांव के रहने वाले 44 वर्षीय मुद्रिका शर्मा कि वोटर लिस्ट रिवीजन के दौरान उन्हें मरा हुआ बता कर मतदाता सूची से उनका नाम काट दिया है।
कैमूर जिले में मोहनिया विधानसभा के मतदाता मुद्रिका शर्मा उम्र 44 वर्ष को मृत घोषित कर दिया। मुद्रिका का वोटर आईडी नंबर बीएलजे 5973 714 जो 2005 का बना हुआ है। मुद्रिका शर्मा ने बताया कि कुछ दिन पहले बीएलओ फॉर्म लेकर घर पहुंची। मैं और मेरी पत्नी के द्वारा फॉर्म भरा भी। जरूरत के दस्तावेज भी दिया गया था। लेकिन जब मतदाता सूची का ड्राफ्ट तैयार कर प्रकाशित किया गया तो मेरे दोस्तों ने बताया कि आपका नाम वोटर लिस्ट से मृत घोषित कर काट दिया गया है। अब समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें।
वही इस संबंध में मोहनिया एसडीएम अनीरुद्ध पांडे ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जिसका भी निर्वाचन नाम अगर गलत तरीके से जोड़ा नहीं गया है तो बिलो से मिलकर अपना कागजजत जमा करेंगे उन्हें पुणे निर्वाचन में नाम जुड़ जाएगा
कैमूर संवाददाता देवब्रत तिवारी की रिपोर्ट