बिना टिकट और फर्जी पहचान पत्र के साथ यात्रा कर रहा था.
डीएनबी भारत डेस्क

समस्तीपुर:स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के H1 कोच में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. वह खुद को एडीआरएम समस्तीपुर बताकर यात्रा कर रहा था और पूछे जाने पर अपना नाम आलोक कुमार झा बता रहा था. घटना 5 जून की है. वह बिना टिकट और फर्जी पहचान पत्र के साथ यात्रा कर रहा था. उसका नाम सुनते ही टीटीई को शक हो गया. इसके बाद इस फर्जी अधिकारी का खेल ज्यादा देर तक नहीं चला.
कार्रवाई में इसकी असली पहचान सबके सामने आ गई. इस घटना की सूचना मंडल सुरक्षा नियंत्रण कक्ष समस्तीपुर से मिली. वहीं गुप्त सूचना मिलने के बाद दरभंगा रेलवे पुलिस, राजकीय रेल थाना और CTTI की संयुक्त टीम ने फिल्मी स्टाइल में चलती ट्रेन से शुक्रवार सुबह करीब साढ़े छह बजे आरोपित को फिल्मी स्टाइल में पकड़ लिया. उसे हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की गई तो पूरा मामला सामने आ गया. इस घटना का वीडियो भी बनाया गया है.
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे फर्जी एडीआरएम रौब के साथ अपने बर्थ में लेटा है. टीटीई ने बिस्कुट लाकर दिया तो चाय की डिमांड भी करने लगा बोला एक ठो चाय भी ले आइये. इसपर टीटीई ने कहा कि भीड़ काफी ज्यादा है सर.सूचना पर दरभंगा रेलवे पुलिस, राजकीय रेल थाना और CTTI की संयुक्त टीम पहुंची और फर्जी एसडीआरएम से उसका नाम पूछा तो उसने फिर से अपना नाम आलोक कुमार झा बताया. जब उससे उसका पहचान पत्र मांगा गया तो वह हंगामा करने लगा. रेलवे सुरक्षा बल के काम में बाधा डाली. पुलिस का शिकंजा कसता देख फर्जी अधिकारी कहने लगा कि मैं आपकी आलोक कुमार झा से बात करवा देता हूं और मोबाइल में किसी का नंबर डायल करने लगा.
इस पर उपस्थित टीम ने कहा कि आप खुदको आलोक कुमार झा बता रहे हैं तो बात किससे करवाएंगे? इस दौरान फर्जी एडीआरएम ने किसी को कॉल कहकर कहा कि आलोक जरा बात करिए ये सुनते ही फर्जी अधिकारी का कॉल उक्त शख्स ने कट कर दिया.जब सख्ती से उससे पूछताछ की गई तो उसने अपना असली नाम दुर्गा कांत चौधरी बताया और कहा कि वह मधुबनी जिले के नोहान बढ़ियाम गांव का निवासी है. पहले उसने अपना नाम आलोक कुमार झा बताया था. इस मामले में सीटीटीआई दरभंगा के चंदेश्वर राय ने शिकायत दर्ज कराई है.
रेलवे सुरक्षा बल लगातार ऐसी फर्जी गतिविधियों पर नकेल कसे हुए हैं. यात्रियों और रेल कर्मियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे पुलिस समय-समय पर सघन जांच करती रहती है ताकि किसी भी तरह की धोखाधड़ी और सुरक्षा उल्लंघन को रोका जा सके. इसके लिए रेलवे की ओर से लगातार अभियान चलाए जाते हैं.बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब रेलवे में इस तरह के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. पूर्व मध्य रेलवे ने हाल ही में रेल यात्रा को सुरक्षित और समय पर बनाने लिए दो अभियान चलाए. 1-31 मई 2025 तक चले ऑपरेशन समय और महिला सुरक्षा में कई गड़बड़ियों को दूर किया गया.
समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम की रिपोर्ट