डीएनबी भारत डेस्क
भगवानपुर| भगवान श्रीराम माता पिता, भाई, पत्नी, गुरु तथा जनता के बीच मर्यादा की एक मिसाल पेश की। इसलिए वे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहलाये। उक्त उद्गार प्रखंड क्षेत्र के पालीडीह गांव में आयोजित श्रीजानकी रमण महायज्ञ सह नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिवस पर व्यास मंच पर विराजमान कथावाचिका सुश्री दिव्या पांडे के सम्मान में बोलते हुए स्थानीय विधायक सह खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता ने व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि भगवान श्रीराम तीनों लोकों के स्वामी भगवान श्री विष्णु के अवतार थे। उन्होंने गरीब अमीर सभी का एक समान सम्मान किया। उन्होंने गरीब की बेटी सबरी को भी वही सम्मान दिया जो सम्मान उसने अपने गुरु माता को दिया।

धर्म की स्थापना के लिए उन्होंने संघर्ष किया और उन्होंने मर्यादा की एक मिसाल दूनिया के सामने पेश किया। उन्होंने कहा कि जहां भगवान श्रीराम की कथा होती है वहां सभी भगवान उपस्थित रहते हैं। इसलिए लोगों को भगवान की कथा में अवश्य जाना चाहिए। वहीं कथा वाचिका सुश्री दिव्या पांडे ने तारका वध की कथा सुनाते हुए कहा कि जब गुरु विश्वामित्र पुरुषोत्तम श्रीराम को तारका का बध करने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि गुरुदेव नारी पर शस्त्र चलाना पाप ही नहीं महापाप है, फिर आप हमें ऐसा पाप करने के लिए कैसे बोल रहे हैं तब गुरु विश्वामित्र ने कहा,जिस नारी के हाथ में शस्त्र हो तथा वह हिंसा में विश्वास रखती हो वह नारी नहीं हो सकती। नारी तो मर्यादा और ममता का दूसरा रूप है।
तारका के हाथ में शस्त्र है इसलिए इसका बध करने में कोई पाप नहीं है। आगे उन्होंने भगवान श्रीराम विवाह का सुन्दर और मनोरम चित्रण कर कथा प्रेमीयों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उक्त अवसर पर लोगों ने वस्त्र आदि दान किए।मंच संचालन करते हुए डॉ राजकुमार आजाद ने कहा कि भगवान श्रीराम के जीवन से आज़ के लोगों को सीख लेनी चाहिए।उनका जीवन जीवन जीने की कला है। कथा वाचिका सुश्री दिव्या पांडे व माननीय मंत्री सुरेंद्र मेहता के सम्मान में डा पुनम आजाद के द्वारा सुन्दर भक्ति गीत गाए गए।
सभी अतिथियों को आयोजक श्री श्री 108 महंत श्री कृष्ण चंद्र दास जी महाराज के द्वारा चादर ओढ़ाकर तथा माला पहनाकर स्वागत किया गया। मौके पर भाजपा नेता अमरेश सिंह, पूर्व सरपंच देवाली पासवान, पैक्स प्रतिनिधि रीतेश सिंह, मुखिया सुरेंद्र कुमार, वार्ड सदस्य मुकेश पोद्दार, अरविंद साह सहित सैकड़ों कथा प्रेमी उपस्थित थे।
बेगूसराय भगवानपुर संवाददाता गणेश प्रसाद की रिपोर्ट