अल्पसंख्यकों की मांग – नमाज के लिए सरकार करे अलग व्यवस्था, ’15 मिनट सड़क पर नमाज से कोई हर्ज नहीं, अब तक किसी सरकार ने नहीं रोकी सड़क पर नमाज।
डीएनबी भारत डेस्क

उत्तर प्रदेश के रास्ते सड़क पर नमाज पढ़ने का मुद्दा अब बिहार में भी पहुंच गया है। बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होना है जिसको लेकर एनडीए उत्तर प्रदेश की योगी मॉडल के रास्ते को चुन रही है। वही मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र नालंदा जिले में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने भाजपा कोटे के मंत्री नीरज कुमार बबलू के द्वारा दिए गए बयान से काफी क्षुब्ध नजर आए।
अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी बिहार के नागरिक हैं इसके लिए सरकार को नमाज पढ़ने के लिए अलग से व्यवस्था करनी चाहिए ताकि सड़क पर नमाज पढ़ा नहीं जा सके। अगर मस्जिद में जगह काम है तो लोग नमाज कहां पढ़ने जायेगे। बिहार की आवाम को इन सब बेकार के मुद्दों को छोड़कर सुरक्षा को लेकर सोचने की जरूरत है।
बीजेपी का यह नीति लोगों को पोलराइज करने की है। बिहार में भी अब अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर योगी मॉडल को ठोका जा रहा है। जबकि बिहार में सब कुछ ठीक चल रहा है। इस तरह के बयान से लोगों में फूट डालने का प्रयास किया जा रहा है। बिहार में आज तक कोई भी सरकार ने सड़क पर नमाज पढ़ने के लिए नहीं रोका है।
मुसलमान को उलझाने के लिए सरकार के द्वारा तरह-तरह का अनरग़ल बयान दिया जा रहा है। अगर मस्जिद में भीड़ ज्यादा रहती है तो 15 मिनट के लिए सड़क पर नमाज पढ़ लिया जाए तो इसमें कोई भी हर्ज नहीं है।दरअसल सोहसराय के महुआ तोले भी दावत ए इफ्तार और ईद की नमाज पढ़ी गई थी।
डीएनबी भारत डेस्क