महिलाओं ने 108 बार पेड़ की परिक्रमा कर पति के दीर्घायु की कामना की
डीएनबी भारत डेस्क
बछवाड़ा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतो में सुहागिन महिलाओं ने सोमवती अमावस्या के अवसर पर पीपल पेड़ का पुजन करते हुए अपने पति के दीर्घायु होने की कामना की। हिन्दु धर्म के अनुसार सोमवती अमावस्या अपने आप में एक विषेश महत्व रखता है। इसी परम्परा के अनुसार सुहागिन महिलाएं अपने-अपने घर के समीप पीपल पेड़ की पूजा अर्चना की।
इस अवसर पर सुबह से ही महिलाएं गंगा स्नान करने के उपरांत पूजन का समान लेकर पीपल पेड़ की पूजन करने पहुंची। साथ ही व्रतियों ने पीपल पेड़ की गंगा जल,फुल,प्रसाद अर्पित कर सौभाग्यवती एवं धन धान्य की मन्नत मांगी। पूजन के दौरान सुहागीन महिलाओ ने पीपल पेड़ की 108 बार परिक्रमा करते हुए प्रत्येक परिक्रमा के दौरान कच्चे धागे,प्रसाद,तील,जौ,सिन्दुर एवं फुल डालते हुए पूजन किया।
सोमवती अमावस्या को लेकर प्रखंड क्षेत्र के गोधना,रानी,बेगमसराय,झमटिया, सूरो,फतेहा,रसीदपुर समेत विभिन्न गांवो में पीपल पेड़ की पूजा करती महिलाएंं देखी गई। सोमवारी अमावस्या को लेकर पंडित मोहन झा ने बताया कि पीपल पेड़ की पूजा सुहागीन महिलाएं प्राचीण काल से करती आ रही है। धार्मिक कथाओ में भी वर्णित है कि सोना धोबिन एक सुहागीन महिला थी। जब उसके पति की मृत्यू हो गई तो उन्होने अपने पति को जीवित करने के लिए पीपल पेड़ की पूजा अर्चना की थी।
जिसके बाद से सुहागीन महिलाएं जिस माह में सोमवार को अमावस्या होता है तो इस व्रत के माध्यम से अपनी पति के लम्बी उम्र की कामना करती है। उन्होने कहा कि पुराणिक कथाओ के अनुसार पीपल पेड़ में सभी देवताओं का वास होता है। और लोग सभी शुभ कार्य करने से पुर्व पीपल पेड़ का पुजन करना शुभ माना जाता है।
बेगूसराय बछवाड़ा संवाददाता मनोज कुमार राहुल की रिपोर्ट