मेघौल में भागवत कथा का आयोजन
डीएनबी भारत डेस्क
खोदावंदपुर में भागवत कथा के दूसरे दिन बुधवार को बनारस से पधारे कथा वाचक आचार्य चंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा गीता में वर्णन है कुंती ने भगवान से संपत्ति नहीं विपत्ति का मांग किया था। आखिर कुंती ने विपत्ति क्यों मांगा । लोग तो संपत्ति, धन, वैभव, ऐश्वर्य की मांग करते हैं ।तो कुंती ने कहा जब विपत्ति होता है तो सदा आपका स्मरण रहता है। लोग आपको भजते हैं और जो लोग आपको भेजते हैं , आपके पास होते हैं। आपके होते हैं उन्हें फिर विपत्ति किस बात का। उन्होंने कहा संपत्ति की कमी विपत्ति नहीं है ।
उससे वह शापित थे जिससे मुक्ति के लिए ब्रह्मा जी ने उन्हें रास्ता दिखाया था और सुखदेव जी से भागवत कथा सुनने के पश्चात हुए दोष मुक्त हुए थे। इस प्रकार भागवत कथा समस्त दोशों , पापों को नष्ट करता है ऐसा इसमें क्षमता है ।भागवत कथा के श्रवण से कलिकाल में सारे सुखों और वैभव की प्राप्ति होती है तथा समस्त पापों का नास होता है। कलयूग केवल नाम अधारा। जपत जपत नर उतरहीं पारा। इस प्रकार बुधवार की कथा काफी रोचक रहा। तत्पश्चात भगवत भगवान का आरती के पूजन के पश्चात दूसरे दिन की कथा संपन्न हुई।
मौके पर मुख्य यजमान स पत्नीक ओ प्रवासी कामगार शशि शेखारम, से पत्नीक राम मनुज सिंह के साथ आनंद कुमार, गोविंद प्रसाद सिंह, अवकाश प्राप्त अंकेक्षक मोहन प्रसाद सिंह, सूर्यनारायण महतो , प्रोफेसर हरेराम महतो , जितेंद्र नारायण सिंह,सैकरोंकी संख्या में महिलाएएवं पुरुष श्रोता कथा में मौजूद थे।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट