डीएनबी भारत डेस्क
सकरी के केवल नारायण भारतीय फील्ड के पावन भूमि पर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा संस्थान के संस्थापक व संचालक दिव्य गुरु सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के विशेष अनुकंपा से 9 दिसंबर 2024 से आयोजित श्री मदभागवत कथा का शुभारंभ आज शांति मंगल कलश यात्रा से किया गया। जानकारी देते हुए स्वामी कुंदनानन्द ने कहा की कलश यात्रा में शहर के लगभग 1100 सोभाग्यशाली महिलाओं के साथ मनीगाछी प्रखण्ड एवं पंडौल प्रखण्ड के सभी पंचायत के गणमान्य एवं श्रद्धालुगणों ने भाग लिया। श्री मदभागवत महापुराण एवं कलश की पूजा संस्थान से आए पंडित संत जी के द्वारा वैदिक मंत्रों से हुई।
मंगल कलश यात्रा को बिहार झारखंड के संस्थान प्रभारी स्वामी श्री यादवेन्द्रानन्द जी, विजय प्रकाश उर्फ सोनू यादव विनय प्रकाश ने संयुक्त रूप से धर्म ध्वज दिखा कर शुभारंभ किया। मंगल कलश यात्रा कथा स्थल से प्रारंभ हो कर दहौड़ा भगवती मंदिर होते हुए महावीर मंदिर के रास्ते सकरी बाजार NH से वापस सकरी रेलवे स्टेशन होकर सकरी चीनी मिल कन्हौली दुर्गा मंदिर होते हुए कथा स्थल पहुंची। कलश यात्रा के दौरान पूरा नगर जय श्री राम, हाथी घोडा पालकी जय कन्हैया लाल की, हर हर महादेव के नारों से गूंज उठा। मनीगाछी प्रशासन व सकरी प्रशासन ने संयुक्तरूप से यातायात व्यवस्था को संभालते दिखे।
कथा के माहात्म्य का वर्णन करते हुए स्वामी कुन्दनानन्द ने बताया की भारतीय संस्कृति के प्राण चिरकाल से आध्यात्मिकता में ही बसते है। इसलिए जहां सारी संस्कृति नष्ट हो गई वही भारतीय संस्कृति आज भी अक्षुण्ण है। आध्यात्मिक सांस्कृतिक शक्ति के संबाहक हमारे आर्ष ग्रंथ है। अध्यात्म ज्ञान से परिपूर्ण वेद, पुराण, उपनिषद, मानव जीवन जीने के सफल सूत्र प्रदान करते है। आवश्यकता है ऐसे ग्रंथों का अध्ययन किसी तत्वदर्शी महापुरुषों के सनिध्य में की जाय। हमारे संत महापुरुष इन ग्रंथों के माध्यम से समाज को संगठित सुव्यवस्थित करने का प्रयास करते है। भगवान कृष्ण की लीलाओं से परिपूर्ण श्रीमदभागवत महापुराण अध्यात्म विज्ञान का से युक्त जन जन को कल्याण का मार्ग प्रसस्थ करता है।
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