पूर्व मुखिया सह वयोवृद्ध समाजसेवी हरिनंदन राम के निधन से पूरे गांव में शोक की लहर

समाजसेवी हरिनंदन राम लगाता 26 वर्षों तक गढ़हरा के रहे थे मुखिया, ग्रमीणों ने कहा मुखियाजी की मौत समाज के लिए अपूरणीय क्षति।

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समाजसेवी हरिनंदन राम लगाकेर 26 वर्षों तक गढ़हरा के रहे थे मुखिया, ग्रमीणों ने कहा मुखियाजी की मौत समाज के लिए अपूरणीय क्षति।

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डीएनबी भारत डेस्क 
गढ़हरा के वयोवृद्ध समाजसेवी सह  कांग्रेस नेता एवं  26 वर्षों तक रहे मुखिया हरिनन्दन राम का निधन शुक्रवार की सुबह हो गया। वे करीब 75 वर्ष के थे। पिछले कुछ माह से पक्षघात से पीड़ित थे। पूर्व मुखिया गोपीनाथ साह ने कहा कि 5 फरवरी 1980 की शाम मुखिया रामजीवन सिंह की हत्या होने के बाद से हरिनंदन राम वर्ष 2001 तक अविभाजित गढ़हरा के मुखिया रहे। उसके बाद जनसंख्या के आधार पर गढ़हरा का परिसीमन दो भाग में हो गया।

पुन वर्ष 2001 में पंचायत गढ़हरा एक से मुखिया चुने गए। इस मौके पर कांग्रेस के जिलाउपाध्यक्ष चुनचुन राय, बरौनी प्रखंड अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह, पूर्व उप मुख्य पार्षद पंकज मिश्रा, रामनरेश सिंह, नप बीहट के डिप्टी चैयरमैन ऋषिकेश कुमार, वार्ड पार्षद अशोक सिंह, पंकज मिश्रा, मो दानिश महबूब, बबलू सिंह टीटीई, अरुण रजक, रामनुग्रह शर्मा, अरुण राय शिवजी कुमार, राजन चौधरी, अरुण श्रीवास्तव, राकेश राय, उमेश राय, लालबहादुर महतो, राजकुमार प्रसाद, रघुनंदन राम, विनोद राम, रंजीत चंद्रवंशी, डॉ राज कुमार आर्य, प्रदुमन कुमार सिंह, दिल्ली के रंगकर्मी जितेंद्र कुमार, अनिल सिंह, अर्जुन सिंह आदि ने उन्हें पुष्प अर्पित कर एवं  कांग्रेस नेताओं ने अपने नेता को तिरंगा झंडा ओढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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