राष्ट्रकवि दिनकर की 115 वीं जयंती पर आयोजित दस दिवसीय समारोह का समापन

DNB Bharat Desk

 

“बेवजह हम मुंह मोड़ते नहीं,यूं ही हम रिश्ते तोड़ते नहीं,उसूलों के इतने पक्के हैं यारों,कोई छेड़े तो हम छोड़ते नहीं” :- मुक्तक सम्राट जनकवि अशांत भोला

डीएनबी भारत डेस्क

राष्ट्रकवि दिनकर की जन्मभूमि सिमरिया में उनकी 115वीं जयंती के उपलक्ष्य में हुए दस दिवसीय समारोह का समापन दिनकर पुस्तकालय स्थित दिनकर स्मृति सभागार में विराट कवि सम्मेलन आयोजित कर किया गया। राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति विकास समिति, सिमरिया के तत्वावधान में हुए विराट कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए मुक्तक सम्राट जनकवि अशांत भोला ने जब अपना मशहूर मुक्तक– बेवजह हम मुंह मोड़ते नहीं/ यूं ही हम रिश्ते तोड़ते नहीं/उसूलों के इतने पक्के हैं यारों/ कोई छेड़े तो हम छोड़ते नहीं/ सुनाया तो श्रोता देर तक तालियां बजाकर वाहवाही दी।

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इस अवसर पर जनपद के प्रसिद्ध लोक गायक सच्चिदानंद पाठक ने श्रोताओं की मांग पर अपनी कई रचनाओं को सुनाया। उन्होंने जब अपनी प्रसिद्ध रचना बाबा आबो ना हमरो कवरेज एरिया सुनाया तो श्रोता वाह वाह कर उठे। प्रसिद्ध रंगकर्मी कवि अनिल पतंग ने आजकल आईना में देखता हूं अपना चेहरा/ जो दिखता नहीं है/ना जाने क्या हो गया है/ सुनाया। प्रसिद्ध कवि प्रफुल्ल मिश्रा ने सच है अपनी जिद पर हम आज भी अड़े हैं/मेरे सपने कल भी बड़े थे आज भी बड़े हैं/ हालात से हम कल भी लड़े थे आज भी लड़ेंगे/ उम्मीद के मोड़ पर कल भी खड़े थे आज भी खड़े हैं/ सुनाया तो श्रोता तालियां पीटने लगे।

राष्ट्रकवि दिनकर की 115 वीं जयंती पर आयोजित दस दिवसीय समारोह का समापन 2वरिष्ठ कवि शेखर सावंत ने जब इश्क शबनम भी है इश्क शोला भी है/ इश्क छलिया अगर है तो इश्क़ भोला भी है/ सुनाया तो श्रोता देर तक ताली बजाते रहे। इस अवसर पर कवयित्री सुनीता कुमारी ने बूंद बूंद से भरना सीखो/ तिल तिल कर दीपक से जलना सीखो/ मरने से पहले जीना सीखो/ सुनाकर लोगों को प्रेरित किया। प्रसिद्ध गीतकार रमा मौसम ने तजुरबा आ गया जीने का यारों गजल सुनाया। कवयित्री पूनम देवी ने लेकर कलम निज हाथ में सबके लिए दिनकर उठे का पाठ किया। कवयित्री प्रभा कुमारी ने देखो हमारी बेटियां बड़ी हो रही हैं/अपने पांव पर खड़ी हो रही हैं/ सुनाकर बेटियों की प्रशंसा की।

राष्ट्रकवि दिनकर की 115 वीं जयंती पर आयोजित दस दिवसीय समारोह का समापन 3कवयित्री शबनम फिरोज ने बेटी की पहचान शीर्षक कविता का पाठ किया। इस विराट कवि सम्मेलन में वरिष्ठ कवि इं. कन्हाई पंडित, अजय कुमार सिंह, ट्रेनिंग कॉलेज विष्णुपुर के व्याख्याता अवनीश कुमार, विश्वभूषण गुप्ता, श्यामनंदन निशाकर, बबलू दिव्यांशु, चितरंजन कुमार, प्रियव्रत, गुलशन कुमार, अमन गौतम, कुंदन कुमार, ए के मनीष, विजेंद्र कुमार आदि ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। उपस्थित कवियों का स्वागत युवाकवि विनोद बिहारी तथा मंच संचालन पत्रकार कवि प्रवीण प्रियदर्शी ने किया।

मौके पर दिनकर पुस्तकालय के अध्यक्ष विश्वंभर सिंह, राजेंद्र राय नेताजी, विजय कुमार चौधरी, विष्णुदेव राय, राजेश कुमार सिंह, लक्ष्मणदेव कुमार, रामनाथ सिंह, वैद्यनाथ राय, अमरदीप सुमन, प्रदीप कुमार, कृष्ण मुरारी, दीपक कुमार, कृष्णनंदन पिंकू, सुनील कुमार सिंह, अमर कुमार मुरारी, राजन कुमार, अजीत कुमार, मनीष कुमार, बबलू कुमार, श्रेष्ठा प्रियदर्शनी, अभय कुमार सहित सैकड़ो श्रोता उपस्थित थे।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट

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