अवैध नर्सिंग होम के जाल में फंसकर असमय काल के गाल में समाई महिला,रजिस्ट्रेशन के बिना ही चल रहा है दर्जन भर नर्सिंग होम

बिचौलियों के जाल में फंस कर इलाज के दौरान होती रहती हैं मौतें बावजूद स्वास्थ्य विभाग व पुलिस प्रशासन कर रही है लापरवाही

इलाज के दौरान प्रसूता की हुई मौत के मामले में थाना क्षेत्र के मेघौल अवस्थित राजनंदनी इमर्जेंसी हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ इलाज में लापरवाही के आरोप का मुकदमा दर्ज

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर में अवैध नर्सिंग होम के जाल में फंसकर असमय काल के गाल में समाई महिला अमृता कुमारी का शव पुलिस ने जप्त कर पोस्टमार्टम के लिए बेगूसराय भेज दिया। मृतका के पति चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र के अर्जुन टोल निवासी छोटू कुमार द्वारा दिए गए आवेदन पर निजी अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा खोदावन्दपुर थाना में दर्ज कराया गया है। इलाज के दौरान प्रसूता की हुई मौत के मामले में थाना क्षेत्र के मेघौल अवस्थित राजनंदनी इमर्जेंसी हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ इलाज में लापरवाही के आरोप का मुकदमा खोदावन्दपुर थाना में मृतका के पति द्वारा दर्ज कराया गया है।

इसके बाद पुलिस ने लाश को जप्त कर पोस्टमार्टम के लिए बेगूसराय भेज दिया। इस संबंध मेंं मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र के अर्जुन टोल निवासी छोटू कुमार की पत्नी अमृता कुमारी की मौत प्रसव के बाद इलाज के दौरान राजनंदनी इमर्जेंसी हॉस्पिटल में हो गई थी। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर क्लिनिक में जमकर हंगामा किया था। इसके बाद फर्जी डॉक्टर सहित सभी कर्मी फरार हो गए थे। लेकिन इसके बावजूद प्रखंड क्षेत्र क्षेत्र में फर्जी डॉक्टर के द्वारा बिना रजिस्ट्रेशन के नर्सिंग होम का कारोबार फलफूल रहा है। इस क्षेत्र में लगभग दर्जन भर अवैध डॉक्टरों के द्वारा बग़ैर रजिस्ट्रेशन ही नर्सिंग होम खोल कर मरीजों का शोषण कर उनके परिजनों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है।

गरीब व कम पढ़े लिखे लोग बिचौलियों के जाल में फंस कर इलाज के दौरान अक्सर अपने परिजनों की जान गंवा रहे हैं। इससे आम लोगों को काफी नुकसान हो रहा है। बताते चलें कि स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइन के अनुसार किसी भी क्षेत्र में फर्जी डॉक्टर बगैर लाइसेंस व बगैर डिग्री का किसी भी मरीज का इलाज नहीं कर सकते हैं, लेकिन नियम एवं कानून को धता बताते हुए खोदावन्दपुर प्रखंड क्षेत्र के मेघौल, मिर्जापुर, दौलतपुर मोकर्री चौक, दौलतपुर पेट्रोल पंप चौक, चलकी चौक सहित विभिन्न गांव में दर्जनों अवैध डॉक्टर बगैर रजिस्ट्रेशन कराए ही निजी अस्पताल चला रहे हैं। लोगों ने बताया की इन प्राइवेट क्लिनिकों व अस्पताल में मरीजों को पहुंचाने में अधिकतर दलाल व क्षेत्र की कुछ आशा कार्यकर्ता के शामिल होने की बात कही जा रही है,

जो अपने-अपने क्षेत्र के मरीजों को सरकारी हॉस्पिटल में अच्छे उपचार नहीं होने की बात बता इन प्राइवेट क्लीनिक में डॉक्टरों के पास संपर्क कराते हैं। बताया यह भी जा रहा है कि इन प्राइवेट डॉक्टरों के द्वारा ऑपरेशन तक की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। जबकि प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर, नर्स सहित सभी तरह की व्यवस्था रहने के बावजूद भी मरीजों को अस्पताल के बजाए प्राइवेट क्लिनिको में यह सुविधाएं मुहैया किसके आदेश पर हो रहा है यह तो स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के लिए जांच का विषय है। कुछ लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बिना लाइसेंस के नर्सिंग होम चलाने वाले इन डॉक्टरों का नेटवर्क काफी मजबूत है।

क्षेत्र के सभी गांवों मेंं इनके दलाल सक्रिय रहते हैं। जो मरीज को क्लीनिक तक पहुंचाने का काम करते हैं। ऑपरेशन वाले मरीज या अन्य मरीजों से ली गई मोटी रकम में कुछ आशा कार्यकर्ता व दलालों को कमीशन मोटे तौर पर दिए जाने की चर्चा जोर-शोर से होती है। इन फर्जी डॉक्टरों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि बेखौफ खुले तौर पर यह डिलिवरी सहित ऑपरेशन तक के सभी काम करते हैं। लेकिन स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से इस क्षेत्र में यह अवैध कारोबार फलफूल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इतनी फुर्सत नहीं है कि वह ऐसे लोगों पर नकेल कसे। इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर दिलीप कुमार ने बताया कि ऐसे क्लिनिको व डाक्टरों के संबंध में शिकायत नहीं मिली है, शिकायत मिलती है तो निश्चित तौर पर अवैध रूप से नर्सिंग होम चलाने वाले संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट

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