भवानंदपुर में ब्रिटिश हुकूमत के समय से ही होती है मां दुर्गा की पूजा, जो श्रद्धालु सच्चे मन से मां की पूजा अर्चना करते है, उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है

मंदिर के ग्रभगृह में कोई कृत्रिम बल्ब नहीं जलते हैं। यहां सिर्फ मेढपतियों के घर से कुल 23 चिराग आते हैं जो पूजा के दौरान जलते हैं।

डीएनबी भारत डेस्क

वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के भवानंदपुर गांव में शक्तिपीठ दुर्गा पूजा को लेकर तैयारी जोर शोर से चल रही है। इसको लेकर मंदिर कमेटी के द्वारा मंदिर परिसर की साफ सफाई व जगह-जगह आकर्षक लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है। मंदिर के मुख्य पुजारी पंचानंद चक्रवती व ओमप्रकाश ने बताया कि यहां ब्रिटिश हुकूमत के समय से ही दान सिंह,महान सिंह व सुजान सिंह राजस्व वसूली के लिए यहां आए थे और बंगाली रीति रिवाज के अनुसार दुर्गा पूजा का शुभारंभ किया था।उसी पद्धति के अनुसार आज भी यहां पूजा अर्चना की जाती है। उन्होंने बताया कि मंदिर के ग्रभगृह में कोई कृत्रिम बल्ब नहीं जलते हैं।

यहां सिर्फ मेढपतियों के घर से कुल 23 चिराग आते हैं जो पूजा के दौरान जलते हैं। वर्तमान में यहां गौरीशंकर मिश्रा के नेतृत्व में पूजा अर्चना की जा रही है। उनका साफ कहना है कि पूजा के दौरान किसी से भी चंदे वसूली नहीं की जाती है। संध्या आरती के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रहती है।अष्टमी तिथि के सुबह में मां का पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाता है। जो श्रद्धालु सच्चे मन से मां की पूजा अर्चना करते है,उनकी मनोकामनाएं पूरी होती है। यहां बलि प्रथा भी बंगाली रीति रिवाज के अनुसार ही दी जाती है। उन्होंने बताया कि मंदिर के युवा बिग्रेडियर टीम के द्वारा जगह-जगह आकर्षक लाइटिंग व तोरणद्वार बनाया जा रहा है।

यहां मंसूरचक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अशिकलाल पंडित के द्वारा मां की प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विजयदशमी के दिन मेरपति परिवार के महिलाओं के द्वारा मंदिर के गृभगृह में सिंदूर लगाओ कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जिसमें माता दुर्गा व अन्य देवी को सिंदूर लगाया जाता है। साथ ही उसी दिन सभी मेरपति  के दरवाजे से नीलकंठ पक्षी को उड़ाया जाता है जो शुभ माना जाता है।विजयदशमी की रात में ही मां की प्रतिमा का विसर्जन स्थानीय गंडक नदी में किया जाता है। ओमप्रकाश ने बताया कि अष्टमी तिथि से ही यहां बेगूसराय के अलावा अन्य जिलों से श्रद्धालुओं का आना जाना शुरू हो जाता है।

इस दौरान मीना बाजार,तरह तरह की मिठाई का दुकान खोला जाता है। उन्होंने कहा कि यहां पूजा अर्चना को लेकर श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक रहती है। जिसको लेकर उन्होंने जिला प्रशासन से दर्जनों महिला व पुरूष बल की प्रतिनियुक्ति करने की मांग की। मुखिया दीपक कुमार ने बताया कि मां की कृपा से यह गांव सुख समृद्धि से भरा हुआ है।

बेगूसराय वीरपुर संवाददाता गोपल्लव झा की रिपोर्ट

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