दिनकर के बिना भारत की कल्पना अधूरी है ,दिनकर साहित्य की आत्मा है, दिनकर के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि तब होगी जब जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह से आतंकवाद मुक्त बनाया जाएगा-जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा

 

मुख्य अतिथि उप राज्यपाल मनोज सिन्हा एवं केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सांसद निधि से विद्यालय परिसर में सभागार निर्माण कार्य हेतु नारियल फोड़कर शिलान्यास किया।

डीएनबी भारत डेस्क

दिनकर के बिना भारत की कल्पना अधूरी है ,दिनकर साहित्य की आत्मा है। दिनकर भारतीय साहित्य में धुब्र तारा की तरह थें। दिनकर संवेदनशील हृदय के प्राणी थे। तभी तो दिनकर के साथ पूरा समाज खड़ा है।उक्त बातें शनिवार को रामधारी सिंह दिनकर उच्च विद्यालय सिमरिया के प्रांगण में दिनकर स्मृति विकास समिति के तत्वावधान में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 115 वीं जयंती समारोह को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा।

उन्होंने कहा दिनकर के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह आतंकवाद से मुक्त बना दिया जाएगा। दिनकर ने पूरे जीवनकाल में नारी सशक्तिकरण पर जोर देते रहे।देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नारी सशक्तिकरण के सम्मान में विधेयक पारित कर दिनकर जी को सम्मान दिया। दिनकर व सिमरिया के विकास में सबों आगे आकर विकास की गाथा को लिखना होगा। वहीं केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि दिनकर पूरे देश में अपने कृतित्व से जाने जाते हैं। दिनकर ने राष्ट्र से कभी समझौता नहीं किया, कभी सही कहने में देरी नहीं की। उन्होंने कहा दिनकर जी की स्मृति व विकास में हर संभव सहयोग रहेगा।

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इस दौरान मुख्य अतिथि उप राज्यपाल मनोज सिन्हा एवं केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सांसद निधि से विद्यालय परिसर में सभागार निर्माण कार्य हेतु नारियल फोड़कर शिलान्यास किया। वहीं विधान परिषद सदस्य सर्वेश कुमार ने कहा कि सिमरिया में कुछ बेहतर हो ताकि दुनिया के लोग जैसे शेक्सपियर के गृह स्थल तक जाते हैं वैसा ही कुछ सिमरिया को भी रूप मिले। यहां आडिटोरियम बने और पुस्तकालय को बेहतर रूप मिले। मटिहानी विधायक राजकुमार सिंह ने कहा कि दिनकर हमारी भाषा के उदबोधन कवि हैं। इस ग्राम का स्वरूप आदर्श ग्राम जैसा हो, इसके लिए संकल्प लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दिनकर की स्मृति में राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हो ताकि दिनकर याद रहे।

जो हम सबों के लिए गर्व की बात होगी। नगर  विधायक कुंदन कुमार ने कहा कि सत्ता जब-जब लडखडाती है तो साहित्य उसे संभालता है कहते हुए दिनकर ने अपने शब्दों में राजनीति को अपना सन्देश दिया था। वहीं उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा जम्मू कश्मीर की स्थिति संभालने की भी चर्चा करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर की स्थिति बदल रही है। वहीं इस दौरान मंच संचालन करते हुए पूर्व एमएलसी रजनीश कुमार ने कहा कि भीष्म के बाद दिनकर के दूसरे गंगा पुत्र हुए हैं। वे विश्व कवि हैं और विद्रोही कवि थे। इसके अलावा दिनकर जयंती समारोह को भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव वर्मा, पूर्व विधायक श्रीकृष्ण सिंह, जिला परिषद के अध्यक्ष सुरेंद्र पासवान, उपाध्यक्ष नंदलाल राय सहित अन्य ने संबोधित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता दिनकर स्मृति विकास समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा, स्वागत भाषण महासचिव राजेश कुमार और धन्यवाद ज्ञापन अमरदीप सुमन ने किया।इस अवसर पर आगत अतिथियों ने दीप प्रज्वलित करते हुए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर एवं उनके सुपुत्र दिवंगत केदारनाथ सिंह के तैलचित्र पर माल्यार्पण करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किया।आगत अतिथियों को दिनकर स्मृति विकास समिति के सदस्यों द्वारा अंग वस्त्र व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

मौके पर दिनकर की पौत्री पदमा सिंह, भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुनील सिंह, सांसद प्रतिनिधि अमरेन्द्र कुमार अमर, आर्यभट्ट निदेशक प्रो अशोक कुमार अमर, विश्वरंजन सिंह उर्फ राजू, कृष्ण मोहन पप्पू, मृत्युंजय कुमार वीरेश,शुभम, नवीन कुमार, जिला परिषद सदस्य राजीव कुमार सिंह, आभा सिंह, नगर मंडल बीहट अध्यक्ष यशस्वी आनंद,गौरव कुमार, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष कुमार राजा, मनीष कुमार, शंभू कुमार सिंह, सचिव प्रदीप कुमार, अध्यक्ष विशंभर सिंह, रामनाथ,लक्ष्मणदेव, राजेश कुमार, संजीव फिरोज, कैलाश सिंह, राजेन्द्र सिंह नेताजी, कृष्ण नंदन सिंह पिंकू, प्राचार्य कुलदीप सिंह यादव, पूर्व प्राचार्य विजय कुमार चौधरी, पूर्व जिप सदस्य संजू देवी सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे।इस अवसर पर अरणव चौहान ने अपने हाथ से बनाकर उप राज्यपाल मनोज सिन्हा की तस्वीर भेंटकर सम्मानित किया।

 

बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट

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