नालंदा में शव जलाने को लेकर स्थानीय लोगों एवं प्रशासन के बीच घंटों चली नोकझोंक

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नालंदा जिला के सोहसराय थाना क्षेत्र अंतर्गत आशानगर इलाके की घटना।

डीएनबी भारत डेस्क 

नालंदा जिला के सोहसराय थाना क्षेत्र अंतर्गत आशानगर इलाके में शव जलाने को लेकर स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच नोकझोंक हो गई। कई घंटों तक पुलिस और स्थानीय लोगों के द्वारा आशानगर में शव जलाने को लेकर विवाद होता रहा।

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बताते चलें कि आशानगर के रहने वाले कृष्णा पासवान की मौत लू लगने से हो गई। अत्यंत गरीब होने के कारण कृष्णा पासवान का दाह संस्कार प्रसिद्ध श्मशान घाट पर नहीं किया जा सका। जिसके कारण स्थानीय लोगों ने किसी तरह से चंदा इकट्ठा करके आशानगर इलाके के ही पुराने श्मशान घाट पर शवदाह करने के लिए इकट्ठा हुए।

स्थानीय मोहल्ले वासियों ने जेडीयू सांसद कौशलेंद्र कुमार के ऊपर शव दाह करने से रोकने का गंभीर आरोप लगाया। आशानगर स्थित शमशान घाट के किनारे पुरखों के जमाने से दाह संस्कार किया जा रहा है लेकिन वर्तमान समय में इस इलाके में घनी आबादी होने के कारण उस जगह पर कभी-कभी दाह संस्कार किया जाता है।

स्थानीय लोगों ने कहा कि जेडीयू सांसद के इशारे पर ही सोहसराय पुलिस की मदद से आशानगर स्थित श्मशान घाट पर दाह संस्कार करने से रोका गया। वहीं इस घटना को लेकर नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि राजनीतिक स्टंट के साथ बीजेपी के लोग हमारे नाम को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे ऊपर श्मशान घाट को कब्जा करने का भी झूठा आरोप लगाया गया। मैं बीजेपी के लोगों को खुली चुनौती देता हूं कि अगर हमने 1 इंच भी किसी का जमीन दखल किया है तो हमारे आवास पर बुलडोजर चलाकर मकान को ध्वस्त कर दें।

नालंदा संवाददाता ऋषिकेश 

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