मिट्टी की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कृषकों को जैविक खेती एवं फ़सल चक्र को अपनाना तथा बढ़ावा देना चाहिए – आयुष सिंह

DNB Bharat Desk

मिट्टी की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कृषकों को जैविक खेती एवं फ़सल चक्र को अपनाना तथा बढ़ावा देना चाहिए । जननी मां की सुरक्षा के लिए सर्वप्रथम धरती माता की सुरक्षा करना हम सभी साथी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उक्त सारगर्भित बातें शुक्रवार को ई किसान भवन सभागार बरौनी में विश्व मृदा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबंधित करते हुए प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी बरौनी आयुष सिंह ने कहा।

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वहीं कृषि समन्वयक राजकिशोर सिंह ने कहा कि हमारी मिट्टी में सूक्ष्म तत्वों के साथ साथ सल्फर और जैविक कार्बन की भी कमी हुई है। वहीं समन्वयक राकेश कुमार ने कहा कि खेत ही किसानों की हवनकुंड और यज्ञशाला है। जहां निरन्तर रूप से किसान सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि मिट्टी जांच में प्रतिनिधि नमूना संग्रह पर ही निर्भर करता है मृदा स्वास्थ्य जांच। इसलिए समय पर तथा चिन्हित स्थानों पर से ही प्रतिनिधि नमूना संग्रह किया जाता है। वहीं समन्वयक निकेश कुमार ने कहा कि समय से सिंचाई करने, दो फसलों के बीच एक दलहन, तेलहन का बोआई करने से भी पैदावार को बढ़ाया जाता है।

मिट्टी की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कृषकों को जैविक खेती एवं फ़सल चक्र को अपनाना तथा बढ़ावा देना चाहिए - आयुष सिंह 2उन्होंने कहा रासायनिक एवं कीटनाशकों के कम से कम उपयोग करने से हमारी मिट्टी की उर्वरा शक्ति केवल सुरक्षित ही नहीं रह सकती है बल्कि उर्वरा शक्ति में वृद्धि भी होगी। वहीं एक लक्ष्य एनजीओ के प्रतिनिधि किरण मेहीपाल ने जलवायु परिवर्तन पर विस्तारपूर्वक जानकारी दिया। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी बरौनी आयुष सिंह ने किया तथा संचालन कृषि समन्वयक नवीन कुमार ने किया।

मिट्टी की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कृषकों को जैविक खेती एवं फ़सल चक्र को अपनाना तथा बढ़ावा देना चाहिए - आयुष सिंह 3मौके पर बीटीएम आरती कुमारी, एटीएम ज्ञानेश्वर कुमार, लेखपाल वन्दना कुमारी, किसान अरुण चौधरी, चौधरी चरण सिंह, चन्द्र सिंह, सनोज कुमार, अंजनी कुमार, मनोज चौधरी, मनोरंजन चौधरी, शैल देवी, किसान सलाहकार श्याम कुमार, राजकुमार, पंकज कुमार, मकरंद कुमार, संजय कुमार, केशव कुमार, बीज विक्रेता विकास कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।

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