चंद्रभागा नदी को बचाने की मुहिम में हम समस्त देश एवं प्रदेश वासियों शामिल हों – स्वामी चिदात्मन जी महाराज

DNB Bharat Desk

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बेगूसराय/बीहट-चंद्रभागा नदी का एक समृद्ध इतिहास है। चंद्रभागा नदी उज्जैन में कई वर्षों तक सूख जाने के बाद जनसहयोग से पुनर्जीवित किया गया है। उक्त प्रेरणादायक अनमोल वचन करपात्री अग्निहोत्री परमहंस संत शिरोमणि परम पूज्य गुरुदेव प्रातः स्मरणीय स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने समस्तीपुर जिला से बेगूसराय जिला में प्रवेश कर खगड़िया जिला में गंडक नदी में मिल जाती है। जो इन दिनों पानी नहीं होने के कारण सुखने के कगार पर पहुंच गया है। इसके पुनर्जीवित करने में समस्त भारत देश एवं बिहार प्रदेश वासियों व बेगूसराय जिला वासियों से जनसहयोग करने की अपिल करते हुए कहा।

उन्होंने कहा बिहार में कुछ नदियों के सूखने की दस्तक चिंताजनक है। ऐसी ही परिस्थितियों से बेगूसराय जिले के बखरी अनुमंडल व अंचल के पांच पंचायतों से कल-कल छल-छल कर बहने व गुजरने वाली प्राचीन और ऐतिहासिक नदी चंद्रभागा की है। बरसात के समय में नदी के गहरे भागों में पानी जमा रहता है और बरसात समाप्त होने के साथ ही वैदिक काल की यह पवित्र नदी सूखने लगती है। यह नदी बखरी अनुमंडल व अंचल की जीवन रेखा मानी जाती है। जिसका स्तित्व खगड़िया जिला के इलाकों तक ही कायम है।आज इसकी स्थिति काफी दयनीय है,जिसे एक उद्धारक की तलाश है। बताते चलें कि चंद्रभागा नदी अधवाड़ा समूह से समस्तीपुर जिला के हायाघाट के समीप से निकली है। जो रोसड़ा होते हुए बेगूसराय जिले में प्रवेश करते हुए खगड़िया जिला में बूढ़ी गंडक में मिल जाती है।

चंद्रभागा नदी को बचाने की मुहिम में हम समस्त देश एवं प्रदेश वासियों शामिल हों - स्वामी चिदात्मन जी महाराज 2इसे केन्द्र एवं राज्य सरकार के सहयोग से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की नदी जोड़ो योजना के तहत कांवड़ प्रोजेक्ट्स के जड़िए चंद्रभागा नदी की उड़ाही कर गंडक नदी से जोड़ने पर आस-पास के सभी क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा। साथ ही यह अमर कृति वैदिक युग के धरोहर की रक्षा से जुड़ जाएगी। अगर चंद्रभागा नदी का उद्धार होता है तो निश्चित तौर पर इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा। विदित हो कि चंद्रभागा नदी एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की नदी है। जिसका उल्लेख कई धार्मिक ग्रंथों में मिलती है। जो धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। यह नदी वैदिक काल से ही कई धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है और पवित्र माना जाता है।

चंद्रभागा नदी को बचाने की मुहिम में हम समस्त देश एवं प्रदेश वासियों शामिल हों - स्वामी चिदात्मन जी महाराज 3नदी की स्तुति में भी इसका वर्णन है किया गया है। ऋग्वेद में नदी की स्तुति में चंद्रभागा का वर्णन मिलता है जो इसे वैदिक काल से ही एक पवित्र नदी के रूप में स्थापित करता है। इधर शिव पुराण और स्कन्द पुराण में भी इसका वर्णन किया गया है। शिव पुराण और स्कन्द पुराण में भी चंद्रभागा नदी का उल्लेख है जो इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्वपूर्ण को दर्शाता है। महाराष्ट्र में भीमा नदी को भी चंद्रभागा नदी के नाम से जाना जाता है। उज्जैन में क्षिप्रा नदी की एक सहायक नदी के रूप में चंद्रभागा नदी है। चंद्रभागा नदी कोढ़ी के लिए वरदान माना जाता है।

और वैदिक काल से अस्थियों के विसर्जन के लिए गंगा नदी के बाद एक पवित्र नदी के रूप में जाना जाता है। राष्ट्र और संस्कृति में वही संबंध है जो शरीर और आत्मा में है। विश्व की प्राचीनतम ग्रन्थ ऋग्वेद समग्र मानव जीवन की सभ्यता के आदिम स्वरुप पर भव्य प्रकाश डालने में समर्थ है। भारत से वेद तत्व का उपदेश अनन्त व समस्त अखण्ड ब्रह्मांड वासियों को मिलता है।

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