1962 पर फोन करते ही पहुंची चिकित्सक की टीम ने बचाई गाय की जान, किसान के चेहरे पर लौटी खुशी
डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय जिला के वीरपुर प्रखंड के जगदर पंचायत के मुरादपुर में यह कहावत आज गुरूवार को सच साबित होते हुए लोगों ने अपनी आंखों से देखा। सुबह 9 बजे अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई।जब पांच माह की गर्भवती गाय नुकिली कृषि यंत्र से जा टकराई और उसकी आंत पेट से जमीन पर आ गई।यह खबर जंगल में आग लगने की तरह फ़ैल गई और देखते ही देखते सेकरो कि संख्या में लोग जमा हो गए। और गाय की जान बचाने के लिए अथक प्रयास में जुट गए सफलता नहीं मिलने पर किसी देबदुत ने मौजूद लोगों से कहा 1962 पर एक बार काॅल करके तो देखिए।
थका हारा किसान टुनटुन यादव ने बात मान ली और 1962 पर काॅल किया तो आधे घंटे में वीरपुर के पशु चिकित्सक मौसमी कुमारी, बरौनी के पशु चिकित्सक ऐके व गढ़पुरा के पशु चिकित्सक व सार्जन डॉ पीयूष कुमार की तीन सदस्य टीम आधे घंटे में उक्त किसान के गाय को जान बचाने के लिए आ पहुंचे। शायद भगवान को भी ये तीनों पशु चिकित्सक के द्वारा किए जा रहे प्रयास कबुल हुआ और आधे घंटे में पशु के पेट से बाहर निकले आंत को अपने जगह पर स्थापित करने में सफलता प्राप्त हुई।यह देख मौजूद लोग कहने लगे कौन कहता है कि भगवान आते नहीं लोग सच्चे मन से बुलाते हीं नहीं।
फोन किया और भगवान स्वरूप तीन पशु चिकित्सक आ गये।इस संबंध में किसान टुनटुन यादव ने बताया कि गाय को 9 बजे में खाना खिला कर घर में बांधने के लिए ले जा रहे थे। इसी दौरान गाय कुद फान करने लगी और नुकिली कृषि यंत्र से जा टकराई। जिससे 5 माह की गर्भवती गाय की आंत जमीन पर आ गई और रक्त श्राव होने लगी। स्थानीय लोगों के द्वारा गाय की जान बचाने का अथक प्रयास किया जाने लगा लेकिन लोग अ सफल रहे। इसी दौरान 1962 पर काॅल किए तो तीन सदस्य भगवान स्वरूप पशु चिकित्सक आधे घंटे में आ गए। इनके प्रयास से गर्भस्थ गाय ठीक हो गई है।
बेगूसराय वीरपुर संवाददाता गोपल्लव झा की रिपोर्ट