बिहार में पुलिस के साथ साथ आम लोग भी गैर महफूज़ हैं
डीएनबी भारत डेस्क

समस्तीपुर। बिहार में दो दारोगा की हत्या ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बिहार में आम नागरिकों के साथ साथ पुलिस वाले भी महफूज नहीं हैं। यह बातें राजद के प्रदेश महासचिव व पार्टी के किशनगंज के संगठन प्रभारी फ़ैजूर रहमान फैज़ ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।उन्होंने ने कहा कि बिहार महाजंगल राज के दौर से गुजर रहा है।यहां के लोग अब अपराधियों के रहमो करम पर हैं।
डबल इंजन की सरकार में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि आम लोगों की बात तो दूर अब पुलिस वाले भी खुद को गैर महफूज़ महसूस कर रहे हैं।राजद के प्रदेश महासचिव ने कहा कि बीते दिनों अपराधियों के द्वारा दो दारोगा की हत्या किया जाना इस बात को दर्शाता है कि इस महाजंगल राज में वो भी सुरक्षित नहीं हैं जिनको कंधों पर आम लोगों की हिफाज़त की जिम्मेदारी है।जिस राज्य में पुलिस वाले ही सुरक्षित नहीं है वहां के लोग कैसे सुरक्षित रहेंगे?
श्री फैज़ ने कहा कि अररिया जिला के फुलकाहा थाना क्षेत्र में दारोगा राजीव रंजन को घेर कर जहां हत्या कर दी गई वहीं मुंगेर जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में दो पक्षों के बीच हो रहे झगड़े को सुलझाने गए दारोगा संतोष कुमार सिंह को बदमाशों ने धारदार हथियार से सर पर वार कर हत्या कर दी।इस दोनों घटनाओं ने बिहार के लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अब उन लोगों को अपराधियों के रहमो करम पर जिंदा रहना है।
राजद के प्रांतीय नेता ने आगे कहा कि बिहार में जिस तरीके से नीतीश कुमार का इकबाल समाप्त हो गया है उसी तरह पुलिस का भी इकबाल समाप्त हो गया है।यहां के अपराधियों के अंदर शासन और प्रशासन का खौफ नहीं है यही वजह है कि अपराधी यहां बेखौफ होकर आपराधिक वारदात को अंजाम दे रहे हैं और शासन और प्रशासन मौन साधे बैठी हुई है और सुशासन का राग अलापने में मस्त नजर आ रही है।उन्होंने कहा कि जो सरकार अपने जनता और पुलिस अफसरान की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं उसे एक पल भी सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है।
समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम की रिपोर्ट