सम्मेलन का विषय “कृषि में डेटा क्रांति: विकसित भारत @2047 के लिए नवाचारी सांख्यिकीय और गणनात्मक विधियाँ”
डीएनबी भारत डेस्क

समस्तीपुर/भारतीय कृषि सांख्यिकी सोसाइटी (आईएसएएस) का 75वां सम्मेलन डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में आयोजित किया जाएगा। यह सम्मेलन 20 मार्च से 22 मार्च तक तीन दिनों तक चलेगा। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पुण्यव्रत सुविमलेंदु पांडे ने बताया कि सम्मेलन का विषय “कृषि में डेटा क्रांति: विकसित भारत @2047 के लिए नवाचारी सांख्यिकीय और गणनात्मक विधियाँ” है।
उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि सांख्यिकी सोसायटी की स्थापना देश के प्रथम कृषि मंत्री और प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के द्वारा किया गया था। उन्होंने कहा कि बाद में भी वे लगभग सोलह वर्ष तक इस संस्था से जुड़े रहे। उन्होंने कहा कि पूसा में इस कांफ्रेंस का आयोजन विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय है। इस सम्मेलन में पूरे भारत के विश्वविद्यालयों और संस्थानों से 250 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। कॉलेज ऑफ बेसिक साइंस एंड ह्यूमैनिटीज के डीन डॉ. अमरेश चंद्रा ने बताया कि यह एक अनोखा अवसर है जिसमें पूरे देश के 250 से अधिक प्रसिद्ध वैज्ञानिक भाग लेंगे।
विश्वविद्यालय सभी प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में देश को 2047 तक विकसित बनाने में सांख्यिकी के योगदान पर गहन मंथन किया जाएगा। निदेशक शिक्षा डा उमाकांत बेहरा ने कहा कि पूसा कृषि अनुसंधान की जन्मस्थली है। सभी वैज्ञानिक पुराने इंपीरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट की यादें भी देखेंगे जिसे विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ पांडेय के प्रयासो से सहेज कर रखा गया है।
उन्होंने कहा वैज्ञानिकों को मिथिला क्षेत्र की आवभगत और संस्कृति का भी अनुभव होगा, ऐसा प्रयास किया जा रहा है।विश्वविद्यालय ने सम्मेलन के लिए 20 से अधिक समितियों का गठन किया है। यह सम्मेलन 20 मार्च से 22 मार्च तक आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में डेटा क्रांति के माध्यम से नवाचारी सांख्यिकीय और गणनात्मक विधियों को बढ़ावा देना है।इस सम्मेलन से कृषि अनुसंधान और विकास में नए अवसरों को तलाश करने में सहयोग मिलेगा।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट