माइक्रो ओरगेन की रक्षा मिट्टी की उर्वरा के लिए जरूरी – डॉ रामपाल

DNB Bharat Desk

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खुदाबंदपुर| मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए माइक्रो ओरगेन अर्थात सूक्ष्म जीव की रक्षा जरूरी है। एक ग्राम मिट्टी में 10 अरब सूक्ष्म जीव पाया जाता है। इन्हीं सूक्ष्म जीवों से पौधों को पोषण मिलता है। मिट्टी का गहरी जुताई एवं रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशक के प्रयोग से मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की उपलब्धता समाप्त होते जा रही है ।इसको बचाने के लिए किसानों को जीरो टिलेज खेती , प्राकृतिक खेती को अपने ,रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक की स्थान पर वर्मी एवं जैविक उर्वरक के प्रयोग तथा कीटनाशक के उपयोग के लिए प्रेरित करना हम कृषि वैज्ञानिकको, अधिकारियों का दायित्व है।

माइक्रो ओरगेन की रक्षा मिट्टी की उर्वरा के लिए जरूरी – डॉ रामपाल 2अन्यथा आने वाले  दिनों में मिट्टी बंजार हो जाएगी। जिसका खामियाजा  हम सबको भुगतना पड़ेगा ।उक्त बातें बुधवार को नवनियुक्त कृषि वैज्ञानिकों के दल को प्रक्षेत्र  भरमन व प्रशिक्षण के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र खोदाबंदपुर के वरीय वैज्ञानिक सह प्रभारी डॉक्टर रामपाल ने कहा। उन्होंने कहा आप सब युवा और एनर्जेटिक हैं ।सरकार और समाज को आपसे बहुत सारी अपेक्षाएं हैं ।आपको कृषि के वैज्ञानिक तकनीक, प्रशासनिक कुशलता, नेतृत्व विद्या से दक्ष होना होगा। ताकि आप प्रभावी ढंग से अपनी बातों को किसने से शेयर कर सकें और उनके डिफरेंट बातों ,समस्याओं को समझें और उसका सहजता से समाधान निकाल सके।

प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों से कृषि विज्ञान केंद्र में उन्होंने क्या सीखा, प्रक्षेत्र में क्या देखा, उनके मन में क्या अच्छा बुरा यहां की कृषि, वानिकी में दिखाई दिया इसके बारे में  उनके विचारों को सुना समझा और फिर आवश्यक मार्गदर्शन किया। इससे पूर्व प्रशिक्षु कृषि पदाधिकारियों ने केंद्र परिसर में संचालित जलवायु अनुकूल खेती, जीरो टीलेज से खेती, फसलों का लाइन में बुवाई, से मिलने वाले लाभ, फबारा सिंचाई ,कृषि यांत्रिकीकरण, केंद्र में मौजूद विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों का अवलोकन, पोषण वाटिका, प्राकृतिक खेती यूनिट, बागवानी ,दलहन,तेलहन, मक्का, गेहूं, आलू ,के विभिन्न प्रभेदों के फसलों का अवलोकन किया और उसके बारे में कृषि वैज्ञानिकों से जानकारी प्राप्त किया।

माइक्रो ओरगेन की रक्षा मिट्टी की उर्वरा के लिए जरूरी – डॉ रामपाल 3प्रशिक्षु अधिकारियों को  सब्जी के लततर  वाली खेती, आवर ती खेती, डेयरी , पशु पालन यूनिट , बकरी पालन यूनिट, मुर्गा पालन यूनिट ,आवारा बेकार एवं रोगग्रस्त  गायों को उसका उपचार कर दुधारू बनाने की जानकारी सहित खेती एवं पशुपालन से संबंधित विभिन्न विधाओं की जानकारी प्राप्त किया और केंद्र में मौजूद विभिन्न यूनिटी का भ्रमण कर उसकी गहराई से अवलोकन किया देखा समझा ।इस बात की जानकारी देते हुए डॉक्टर रामपाल ने बताया कि करीब 25 के समूह में नवनियुक्त प्रशिक्षु कृषि पदाधिकारियों का दल विभिन्न कृषि यूनिट ,कृषि संस्थान, प्रगतिशील किसानों के फार्मो पर जाकर खेती के विभिन्न विधाओं एवं उनके वैज्ञानिक तकनीकी पहलुओं का जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।

ताकि आने वाले दिनों में जब उनका प्रखंडों में या विभिन्न कार्यालय में पदस्थापन हो तो वह अपने दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन कर सके। यह प्रशिक्षण आगामी 31 मार्च तक संचालित होना है। मौके पर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी गौरव कुमार,बी टी एम रजनी कुमारी एवं केंद्र के वैज्ञानिक के के पाटिल सहित अन्य कर्मी मौजूद थे।

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