गंगा तट पर मास करना ही कल्पवास माना गया है – विष्णुदेवाचार्य
आनेवाले समय में सिमरिया गंगा तट पर बेहतर व्यवस्था होगी – अवध किशोर दास
साधु समाज की इच्छा शक्ति है की बेगूसराय की धरती को भारत के मानचित्र पर रखा जाए- बौआ हनुमान
गंगा तट पर मास करना ही कल्पवास माना गया है – विष्णुदेवाचार्य
आनेवाले समय में सिमरिया गंगा तट पर बेहतर व्यवस्था होगी – अवध किशोर दास
आज़ के समय में सिमरिया घाट में बड़ी संख्या में श्रद्धालु कल्पवास करते हैं। वहीं महामंडलेश्वर कथावाचक अवध किशोर दास जी महाराज ने कहा कि विगत 50 वर्षों से अधिक समय से हम यहां कल्पवास करने आते हैं।तब यहां दो -चार ही खालसा लगा करते थे। भक्तों की श्रद्धा बढ़ी और महात्माओं का जिज्ञासा जिससे आज़ सिमरिया धाम में 127 खालसा है। जिला प्रशासन को जो व्यवस्था करनी चाहिए थी वो पूर्ण रूप से व्यवस्था नहीं हो पाई है। हमें आशा और विश्वास है कि आनेवाले समय में इससे बेहतर व्यवस्था सिमरिया धाम में उपलब्ध होगा। इस बार मेला क्षेत्र की साफ-सफाई, सेफ्टी टेंक सफाई, पानी की टंकी से मेला क्षेत्र में जल का छिड़काव, पेयजल की व्यवस्था सहित अन्य दर्जनों समस्याएं हैं जिसपर जिला प्रशासन को क़दम उठाना चाहिए।
वहीं इस सिमरिया धाम में गुरुवार को हो रहे तृतीय शाही स्नान पर सभी खालसा धारियों, महामंडलेश्वर, जगतगुरु विष्णुदेवाचार्य, मिथलेश दास उर्फ बौआ हनुमान सहित अन्य ने अपने आप को अलग बताया। एक साधु संत ने कहा कि शाही स्नान प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होता है। वहीं इन साधुओं के वचनों का समर्थन करते हुए समस्तीपुर जिले के मानस संघ अध्यक्ष विश्वनाथ झा और बिहार प्रदेश के मानस संघ के कोषाध्यक्ष अशोक झा ने भी समर्थन किया।
वहीं दूसरी ओर देखें तो सिमरिया धाम में कुम्भ को जागृत करने वाले सर्वमंगला आध्यात्म योग विद्या पीठ सिमरिया धाम के अधिष्ठाता प्रातः स्मरणीय परम पूज्य गुरुदेव स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने भी प्रथम एवं द्वितीय शाही पर्व स्नान पर्व के पुणीत अवसरों पर अपने आप को अलग रखा है और वह यह भार अब कुम्भ सेवा समिति को सौंप दिया है। विदित हो कि स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने दोनों शाही पर्व स्नान में रामघाट पर द्वादश कुम्भ स्थलों के जल व मंत्र से स्नान बनाते आए हैं। हालांकि इस बार बेहतर सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा निरीक्षण कर दिशा-निर्देश दिया गया है।Sign in to your account