बीआरसी हरनौत पदाधिकारी के खेल निराले, दिव्यांग एवं सामान्य महिला शिक्षिका ने रोते हुए सीएम से लगाई गुहार, शिक्षा विभाग की लापरवाही के हो रहे हैं शिकार
हरनौत प्रखंड के कल्याणबीघा मे मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में दिव्यांग पीड़ित महिला ने पहुंचकर बीआरसी हरनौत पदाधिकारी के मनमानी से मुख्यमंत्री को कराया अवगत।
हरनौत प्रखंड के कल्याणबीघा मे मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में दिव्यांग पीड़ित महिला ने पहुंचकर बीआरसी हरनौत पदाधिकारी के मनमानी से मुख्यमंत्री को कराया अवगत।
डीएनबी भारत डेस्क
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने पैतृक गांव हरनौत प्रखंड के कल्याणबीघा पहुंचे। जहां उन्होंने अपनी माता स्वर्गीय परमेश्वरी देवी के प्रतिमा पर पुण्यतिथि के मौके पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करीब 1 घंटे तक कल्याण बीघा गांव में जनता दरबार लगाकर फरियादियों की फरियाद सुनी। नववर्ष के मौके पर जहां सभी के चेहरों पर मुस्कान थी। वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में एक महिला रोती हुई नजर आई।
बताया जाता है कि उक्त महिला शिक्षक की फरियाद जब हरनौत प्रखंड के बीआरसी पदाधिकारी ने नहीं सुनी। तब जाकर उक्त दिव्यांग महिला शिक्षिका एवं सामान्य महिला शिक्षिका ने थक हार कर अपनी समस्या को लेकर रोती हुई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यक्रम में पहुंच गई। बताया जाता है कि राज्य सरकार एवं शिक्षा मंत्रालय विभाग का सख्त आदेश है कि सीनियर के रहते जूनियर शिक्षक विद्यालय के प्रभारी नहीं बनेंगे।
बावजूद प्रखंड के 25 स्कूलों में वरीय शिक्षक रहते हुए भी जूनियर को बीआरसी पदाधिकारी अपनी मनमानी एचएम का प्रभार दे रखे हैं ऐसा पीड़ित शिक्षकों का कहना है। हद तो यह है कि दो दिव्यांग शिक्षक प्रभार सौंपने के लिए ही सीनियर शिक्षक के साथ विभागीय अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं। बावजूद प्रभार नहीं लिया जा रहा है जबकि बीईओ पत्र निकाल कर महज खानापूर्ति कर रहे हैं।
बताया जाता है कि रीना कुमारी प्राथमिक विद्यालय नेहुसा बिगहा हरनौत में पदस्थापित पंचायत शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं। पीड़ित शिक्षिका ने बताया कि वह वरीय शिक्षिका प्राथमिक विद्यालय नेउसा बीघा में लता कुमारी को विद्यालय का प्रभार देना है। जिसकी सूचना प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दी गई है। परंतु प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा मुझे वरीय शिक्षक के बजाय कनीय शिक्षिका को प्रभार देने के लिए बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा है। जबकि कनीय शिक्षिका का प्रभार देने के लिए कोई भी लिखित आदेश नहीं दिया जाता है। महिला विगत 2 महीने से लगातार बीआरसी हरनौत का चक्कर लगा रही है।
नालंदा संवाददाता ऋषिकेश