राजकीयकृत मध्य विद्यालय, बीहट में “वीकेंड विजन” की छठी कड़ी

DNB Bharat Desk

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बेगूसराय जिले के राजकीयकृत मध्य विद्यालय, बीहट के विशेष साप्ताहिक कार्यक्रम “वीकेंड विजन” की छठी कड़ी में महात्मा गाँधी के जीवन दर्शन और उनके अनुकरणीय सिद्धांतों पर एक प्रेरणादायक संवाद सत्र आयोजित किया गया। इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सीनियर फेलो व विख्यात इतिहासकार एवं पुरातत्वविद् डॉ. सुशांत भास्कर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए। विद्यालय के प्रधानाध्यापक रंजन कुमार ने विषय प्रवेश के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा, “महात्मा गाँधी न केवल भारत के साथ पूरी दुनिया के इतिहास की महानतम विभूतियों में से एक हैं, बल्कि उनके विचार पूरी दुनिया के लिए आज भी मार्गदर्शक हैं।

सत्य, अहिंसा, आत्मनिर्भरता और समाज सेवा जैसे उनके सिद्धांत आज भी हमारे जीवन में उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उनके समय में थे। यह संवाद सत्र हमारे विद्यार्थियों को गाँधी जी के विचारों से जोड़ने और उन्हें जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। जब विद्यार्थी गाँधी जी के विचारों को आत्मसात करेंगे, तो वे बेहतर नागरिक बनकर समाज और देश ही नहीं बल्कि अखिल विश्व की प्रगति में योगदान दे सकेंगे।”कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. सुशांत भास्कर ने गाँधी जी के जीवन से जुड़े प्रेरणादायक संदर्भों और उनके सिद्धांतों को विद्यार्थियों के समक्ष विस्तार से प्रस्तुत किया।

राजकीयकृत मध्य विद्यालय, बीहट में "वीकेंड विजन" की छठी कड़ी 2 डॉ. भास्कर ने अपने संबोधन में गाँधी जी के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को साझा करते हुए विद्यार्थियों को उनके सिद्धांतों से जोड़ने का प्रयास किया। उन्होंने सिद्धांतहीन राजनीति, श्रमविहीन संपत्ति, अंतरात्माहीन सुख, बिना चरित्र के ज्ञान, नैतिकता विहीन व्यापार, मानवता विहीन विज्ञान और त्यागविहीन पूजा जैसे सात पाप आचरण की चर्चा के साथ विद्यार्थियों को इनके प्रभाव से सावधान रहने की प्रेरणा दी। गाँधी जी के जीवन से विद्यार्थियों को अपनाने योग्य महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा करते हुए कहा कि सत्य और ईमानदारी का पालन करें, अहिंसा और सहनशीलता को जीवन व्रत बनाएं तथा हिंसा का उत्तर प्रेम और धैर्य से दें।

राजकीयकृत मध्य विद्यालय, बीहट में "वीकेंड विजन" की छठी कड़ी 3आत्मनिर्भरता को अपनाकर स्वावलंबी बनें और अपने कार्य स्वयं करें। सादगी और स्वावलंबन को अपनाकर जीवन में दिखावे से बचें और सरलता अपनाएँ। शिक्षा काफी महत्वपूर्ण है, यह हमें दुनिया के तमाम दुःखों और आडंबरों से मुक्ति दिलाती है । इसलिए ज्ञान प्राप्ति की भूख को हमेशा बनाए रखें। समाज सेवा को अपनाकर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएँ तथा सामाजिक न्याय – समानता और सद्भाव को बढ़ावा दें। डॉ. भास्कर ने अपने संबोधन के आखिरी पड़ाव पर गाँधी जी के बेगूसराय और बरौनी प्रवास के दौरान दिए गए वक्तव्यों को साझा करते हुए कहा कि “गाँधी जी के विचार और सिद्धांत केवल अतीत का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि वे आज भी जीवन को दिशा देने वाले महत्वपूर्ण मूल्यों का प्रतीक हैं।

यदि हम उनके विचारों को आत्मसात करें, तो न केवल हमारा जीवन बेहतर बनेगा, बल्कि हम समाज और देश को भी सही दिशा में आगे ले जा सकते हैं।”विद्यालय की वरिष्ठ स्नातक शिक्षिका श्रीमती अनुपमा सिंह ने कार्यक्रम का सुव्यवस्थित संचालन करते हुए कहा कि आज फर्स्ट सीजन के वीकेंड विजन की आखिरी कड़ी में गाँधी के जीवन दर्शन को लेकर विशेष संवाद सत्र में हम सभी मौजूद हैं । उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे गाँधी जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएँ। उन्होंने सभी शिक्षकों, शिक्षा समिति के सदस्यों और विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर विद्यालय शिक्षा समिति की सचिव, शिक्षकगण, इंटर्नशिप प्रशिक्षु, बाल संसद और इको क्लब के प्रतिनिधि तथा सभी हाउस लीडर सहित सभी विद्यार्थियों ने अपना उदगार व्यक्त करते हुए हुए कहा कि “वीकेंड विजन” कार्यक्रम अपने उद्देश्यों को पूर्ण करते हुए निरंतरता के साथ अपना सफर जारी रखे हुए है । ये कार्यक्रम हमें बहुत अच्छा लगता है

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