डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर में किसानो के पास संरक्षित विशिष्ट गुणवत्ता वाले बीजों का संरक्षण कर कोई भी किसान 15 से 18 वर्षों तक रॉयल्टी के रूप में एक निश्चित रकम प्राप्त कर सकते हैं। यह बात कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉक्टर राम पाल ने कही। उन्होंने बताया कि पौधा किस्म और कृषक अधिकार अधिनियम-2001 के तहत कोई भी किसान या किसान संगठन अनाज, फल, सब्जी के बीज व पौधों वैसे किस्म जिसमें कुछ खास गुण मौजूद हो का संरक्षण कर यह लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
इसके लिए किसान को वैसे बीज व पौधों के वेरायटी का पंजीयन पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण के बेवसाइट पर खुद पंजीकरण कर सकते हैं । पंजीकरण कार्य के लिए किसान कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर से भी तकनीकी सहयोग ले सकते हैं। किसान के नाम से पंजीकृत किए गए किस्म से कोई कंपनी या संस्थान यदि कोई नया प्रभेद का विकास कर उसका विपणन करते हैं तो उन्हें किसान को 15-18 साल तक रायल्टी देना होगा।
यदि किसी कारणवश किसान की मृत्यु हो जाती है तो शेष अवधि तक पैसा उनके उत्तराधिकारी को मिलता रहेगा। कृषक किस्में स्थानीय रुप से अनुकूलित होती हैं जिसमें विशिष्ट गुण होता है जैसे रोग/सूखा/लवण/गुणवत्ता इत्यादि से लडने की क्षमता होती है।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट