डीएनबी भारत डेस्क
कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर बेगूसराय में सोमवार से चार दिवसीय मधुमक्खी पालन कृषक प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया,। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्र के प्रभारी सहवरीय वैज्ञानिक डॉक्टर रामपाल ने किया ।अपने उद्घाटन संबोधन में डॉक्टर पालने कहा मधुमक्खी पालन कम जगह और कम लागत में लाभकारी व्यवसाय है। इसका प्रशिक्षण प्राप्त कर किसान अपना स्वरोजगार आरंभ कर सकते हैं।
मधुमक्खी पालन के लिए रोजगार शुरू करने हेतु बैंक द्वारा ऋण दिया जाता है ।अब तक इस केंद्र से सैकड़ो किस मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुके हैं। ,तथा विभिन्न बैंकों से ऋण प्राप्त कर अपना स्वरोजगार कर रहे हैं ।और आत्मनिर्भर बन चुके हैं। हमारी शुभकामना है आज केप्रशिक्षण प्राप्त कर प्रशिक्षण । थींकिसान दूसरों को भी इसके बारे में जानकारी दें ताकि वह भी अपना स्वरोजगार मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में कर सकें ।चार दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भगवानपुर तेघरा वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के कुल 32 महिला एवं पुरुष किसान भाग ले रहे हैं ।
प्रशिक्षणार्थी कृषकों को कृषि विज्ञान केंद्र खुदाबांदपुर के वास्तु विषय विशेषज्ञ उद्यान डॉक्टर नागोन गौरा पाटिल ने मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया। डॉक्टर पाटिल नेबताया की मधुमक्खियों का प्रजातियां उनके शारीरिक संरचना मधुमक्खी परिवार संगठन व श्रम विभाजन पर विशेष रूप से जानकारी दिया उन्होंने प्रशिक्षनार्थियों से मधुमक्खी की चो में रानी, नर, एवं कावेरी मधुमक्खियां का पहचान भी करवाया ।इस मौके पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रक्षेत्र में ले जाकर मधुमक्खी के बक्से एवं उनके विभिन्न प्रजातियों उनके लालन-पालन का व्यावहारिक ज्ञान भी दिया गया। प्रशिक्षण आगामी 30 मई तक संचालित होगा।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट