दिनकर ने हमेशा गैर बराबरी व आर्थिक विषमता के खिलाफ कलम चलाई, दिनकर की रचनाओं में राष्ट्रीयता का भाव।
डीएनबी भारत डेस्क
10 दिवसीय 115 वीं राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती का शुभारंभ राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति विकास समिति के तत्वावधान में दिनकर की प्रारंभिक पाठशाला मध्य विद्यालय बारो से शुक्रवार को दिनकर पुस्तकालय के अध्यक्ष विश्वंभर सिंह की अध्यक्षता में हुआ। आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए दिनकर पुस्तकालय के अध्यक्ष विश्वंभर सिंह ने कहा कि दिनकर की रचनाओं में राष्ट्रीयता का भाव है।
दिनकर ने हमेशा गैर बराबरी व आर्थिक विषमता के खिलाफ कलम चलाई। उनका व्यक्तित्व बहुआयामी था। गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि वरिष्ठ रंगकर्मी व साहित्यकार अनिल पतंग ने कहा कि दिनकर के व्यक्तित्व के प्रभाव को ब्रिटिश साम्राज्य के शीर्ष अधिकारी को भी स्वीकार करना पड़ा था। कांग्रेस से राज्यसभा का सदस्य होते हुए भी वे सत्ता की गलत नीतियों की आलोचना करने से नहीं चूकते थे।
आज जाति गणना के समय में दिनकर की जाति भेद विरोधी कविता की प्रासंगिकता और बढ़ गई है। विद्यालय के बच्चों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एनटीपीसी के अधिकारी केसरी नंदन मिश्रा ने कहा कि दिनकर ने इसी विद्यालय में शिक्षा पाई, यह क्षेत्र के लोगों के लिए गर्व का विषय है। दिनकर में कठिन बातों को साहित्य के माध्यम से आसान लहजे में कहने की अद्भुत कला थी।
इस विद्यालय के उन्नयन के लिए एनटीपी का भरपूर प्रयास रहेगा। समाज सेवी प्रमोद सिंह ने कहा कि दिनकर ने समाज के हर तबके के लिए अपनी लेखनी चलाई। उन्होंने हमेशा सत्ता को चुनौती दी। समिति के उपाध्यक्ष कैलाश सिंह ने कहा कि दिनकर क्रांति और ओज के कवि थे। उन्होंने अपनी रचना से आजादी के दीवानों को प्रेरित व उत्साहित किया। विजय कुमार चौधरी ने कहा कि दिनकर ने अपने साहित्य के माध्यम से मनुष्यता को उच्चता प्रदान किया।
पत्रकार प्रवीण प्रियदर्शी ने कहा कि दिनकर ने संस्कृति के चार अध्याय में भारत के संपूर्ण सांस्कृतिक इतिहास का दिग्दर्शन कराया है। दिनकर की कविता जीवन में अमृत की तरह है। गोष्ठी का संचालन लक्ष्मणदेव कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन कृष्णनंदन राय ने किया। गोष्ठी को समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा, राजेन्द्र राय नेताजी, ललन कुमार सिंह, बबलू दिव्यांशु, विनोद बिहारी आदि ने संबोधित किया।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में सृष्टि, मो यूनूस आजाद, लाडली कुमारी, दिव्या, मीनाक्षी आदि छात्र-छात्राओं ने दिनकर के व्यक्तित्व व कृतित्व पर भाषण प्रस्तुत किया। वहीं अतिथियों को विद्यालय के प्रधान विजय कुमार सिंह एवं शिक्षक राकेश रजक ने अंगवस्त्र से सम्मानित किया। कार्यक्रम की शुरूआत आगत अतिथियों ने दिनकर के तैल चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से किया।
स्वागत गान अंजलि, भाव्या, पायल और कंचन ने प्रस्तुत किया। मौके पर संजीव फिरोज, रामनाथ सिंह, प्रदीप कुमार, अमरदीप सुमन, एके मनीष, जितेन्द्र झा, दीनबंधु कुमार, बद्री प्रसाद राय, राजेन्द्र राय, मो सरफराज, मनीष कुमार, शिक्षक मुरारी कुमार, मिथिलेश कुमार आदि मौजूद थे।