राहुल गांधी की सांसद सदस्यता पर नहीं, उनकी नागरिकता पर डिबेट होनी चाहिए- राकेश सिन्हा
राहुल गांधी की सांसद सदस्यता पर नहीं, उनकी नागरिकता पर डिबेट होनी चाहिए- राकेश सिन्हा
राहुल गांधी की सांसद सदस्यता पर नहीं, उनकी नागरिकता पर डिबेट होनी चाहिए- राकेश सिन्हा
डीएनबी भारत डेस्क
राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने एक बार फिर विपक्ष एवं राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा है की कि आज राहुल गांधी की सांसद की सदस्यता पर डिबेट हो रहा है जबकि मुख्य रूप से उनकी नागरिकता पर डिबेट होनी चाहिए। यह ऐसे लोग हैं जो भारत ही नहीं भारत से बाहर विदेशों में जाकर भी भारतीय लोकतंत्र को शर्मसार कर रहे हैं और अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज इन लोगों के द्वारा धारा 370 को फिर से वापस लाने की कवायद की जा रही है और यही वजह है कि बिहार ऐसे पवित्र जगह पर बिहार की विरासत कहे जाने वाले गांधी मैदान में महबूबा मुफ्ती जैसे लोगों को मंच साझा करने का मौका मिल रहा है।
इतिहास की याद दिलाते हुए राकेश सिन्हा ने कहा कि यह वही बिहार है जहां चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य ने एक साम्राज्य की स्थापना की थी लेकिन आज इन जैसे लोगों की वजह से बिहार की छवि धूमिल होने जा रही है।
उन्होंने नीतीश एवं तेजस्वी यादव पर चोट करते हुए कहा की यह महागठबंधन नहीं बल्कि महाविनाश का संकेत है। यह ऐसे लोग हैं जो भ्रष्टाचार की नींव पर अपना मुकाम हासिल करना चाहते हैं। आज बिहार में नीतीश और तेजस्वी की सरकार नहीं है बल्कि बालू माफियाओं, भू माफिया और शराब माफियाओं की सरकार चल रही है।
बिहार सरकार के द्वारा शराब एवं बालू अवैध कमाई का जरिया बन चुका है और माफियाओं का बोलबाला है। उन्होंने कहा की ये लोग धर्म एवं एमवाई समीकरण को लेकर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब वह भी खत्म हो चुका है और जनता जागरुक हो चुकी है।
किसी भी जाति एवं धर्म विशेष के लोग नरेंद्र मोदी के 9 साल के शासनकाल को बेहतर बता रही है क्योंकि इन 9 वर्षों में जितने भी जनकल्याणकारी योजनाएं धरातल पर लाई गई उसमें ना तो किसी जाति और ना ही किसी धर्म विशेष को प्रधानता दी गई। अपने जनाधार को टूटते देखकर इन लोगों में छटपटाहट शुरू हो चुकी है।
दूसरी तरफ उन्होंने कहा कि आज विपक्ष के बाद ना तो कोई नीति है और ना ही कोई नेतृत्व सभी अपने अपने दांवपेच में लगे हुए हैं। इधर लालू प्रसाद यादव अपने पुत्र तेजस्वी यादव को राजनीति पढ़ाने में लगे हुए हैं तो नीतीश कुमार एवं जीतन राम मांझी का भी अपना एक एजेंडा है।
राकेश सिन्हा ने कहा कि आज विपक्ष के द्वारा लोकतंत्र को आहत करने की बात कही जा रही है। देखा जाए तो यह लोग ऐसे लोकतंत्र की स्थापना करना चाहते हैं जिनमें इनके नेताओं के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बोटी बोटी काटने की बात कही गई थी।
राकेश सिन्हा ने दावा किया है कि अगले चार-पांच महीनों में महागठबंधन की सरकार तितर-बितर हो जाएगी क्योंकि महागठबंधन के भीतर भी कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। राकेश सिन्हा ने दावा किया है कि वर्ष 2024 में महागठबंधन को एक भी सीट बिहार में नहीं मिलने जा रही है और इस बात को महागठबंधन भी समझ रही है।
दरअसल राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा मंगलवार को बेगूसराय पहुंचे थे जहां मंगलवार की शाम उन्होंने कार्यकर्ता सम्मेलन सह टिफिन पर चर्चा कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता पूरी तरह से समर्पित हैं और जन जन तक जाकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं।
बेगूसराय संवाददाता सुमित कुमार बबलू