दुर्घटना के बाद तत्काल सहायता कार्य में संबंधित रेलकर्मियों की तत्परता की जांच के लिए ये मॉक ड्रिल की गई।
डीएनबी भारत डेस्क
10फरवरी की सुबह 9:55 बजे बरौनी स्टेशन पर इमरजेन्सी हूटर जोर – जोर से बजने लगा जिसे सुनते ही मंडल का दुर्घटना सहायता तंत्र तत्काल सक्रिय हो गया। सूचना मिली कि बरौनी जंक्शन पर एक गंभीर रेल दुर्घटना हुई है। जिसमें कटिहार से पटना जा रही एक एक्सप्रेस ट्रेन कटिहार- पटना इंटरसिटी (15713) पटरी से उतर गई है। ट्रेन के दुर्घटना प्रभावित कोच में करीब 40 से 50 लोग फंसे हुए हैं। जिनमें से कई लोग घायल भी हैं।
सूचना मिलते ही तत्काल मंडल के दुर्घटना सहायता यान को दुर्घटना स्थल के लिए रवाना कर दिया गया। साथ ही रेलवे के अधिकारी, कर्मचारी, स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के लोग भी दुर्घटना स्थल के लिए रवाना हो गए। दुर्घटना स्थल पर दुर्घटना सहायता यान के पहुंचते ही युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। इस बचाव कार्य मे एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियों की भी मदद ली गई । इसमें ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया।
लगभग डेढ़ घंटे बाद एडीआरएम -1 ने सूचित किया कि यह एक मॉक ड्रिल है जिसे कर्मचारियों की तत्परता की जांच हेतु आयोजित किया गया है।इस दुर्घटना सहायता एवं बचाव कार्य के मॉक ड्रिल में सहायता तथा बचाव के सभी कार्य ठीक उसी प्रकार किये गए जैसे कि वास्तविक दुर्घटना के बाद रेस्क्यू के दौरान किये जाते हैं। रेस्क्यू के दौरान बचाव दल द्वारा डिब्बों को कटर से काटा गया तथा डिब्बे की छत को काटकर घायल लोगों को बाहर निकाला गया।
सामान्य रूप से घायल यात्रियों का दुर्घटना स्थल पर ही उपस्थित डॉक्टर्स तथा पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा प्राथमिक उपचार कर दिया गया एवं गंभीर रूप से घायल यात्रियों को तत्काल रेल चिकित्सालय लाया गया। इस दौरान गैस कटर से काम करने से आग लगने की भी मॉक ड्रिल की गई ।
विदित हो कि यह ड्रिल बरौनी यार्ड में आयोजित की गई थी। मॉक ड्रिल में मंडल के 4 डॉक्टर्स सहित कुल 22 मेडिकल स्टाफ तथा इंजीनियरिंग, मेकैनिकल, इलेक्ट्रिकल आदि विभागों के करीब 100 से ज्यादा कर्मचारी शामिल थे।