गणतंत्र दिवस समारोह के कार्यक्रम में शामिल हुये मुख्यमंत्री
डीएनबी भारत डेस्क
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पटना के गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुये। कार्यक्रम के पश्चात् पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ही के दिन वर्ष 1950 से संविधान को लागू किया गया। गणतंत्र दिवस की बड़ी महत्ता है। आज के इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल के द्वारा झंडोतोलन किया जाता है। सभी जिलों में प्रभारी मंत्री जाते हैं और वहां भी यह कार्यक्रम आयोजित होता है। इसी प्रकार से पूरे बिहार में कार्यक्रम आयोजित होता है। कोरोना के दौर में इस कार्यक्रम में लोगों के आने पर पाबंदी लगी थी, इस बार सभी लोगों को आने की इजाजत दी गयी है। बड़ी संख्या में लोग यहाँ आये हुए हैं, लोगों की उपस्थिति देखकर काफी अच्छा लगा। राज्यपाल ने बिहार में जो भी विकास का काम किया गया है और जो किया जा रहा है, उन सब बातों की चर्चा की है। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान और सभी तबके के विकास के लिए काम किया है। आज के इस अवसर पर विकास के जो कार्य होते हैं, उन बातों की चर्चा की जाती है। सभी को बुलंदी के साथ आज के इस अवसर को मनाना चाहिए। यह अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक है।
जदयू नेता एवं विधान पार्षद उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा किये गये ट्वीट के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है। इन सब बातों की चर्चा मत करिये। उनसे ही पूछिये कि तीन बार के बाद आप फिर पार्टी में लौटकर आये तो सबने आपको इज्जत दिया। उनके मन में क्या है, उस संबंध में मीडिया के सामने और ट्वीट के माध्यम से कोई बात की जाती है क्या? पार्टी के अंदर कोई बात है तो आपस में बैठकर बात की जाती है या ट्वीट किया जाता है? पार्टी में आये तो हमने उनका स्वागत किया, पार्टी में रहें बहुत अच्छा, यदि कहीं और जायें तो यह उनकी इच्छा। इन सब चीजों पर हमारी कोई प्रतिक्रिया नहीं है लेकिन हम इतना जरुर कहेंगे कि इस तरह से इन सब चीजों पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। यदि कोई बात है तो पार्टी के अंदर हमेशा लोग बैठकर चर्चा करते हैं। यदि मीडिया में बात आ रही है और ट्वीट कर रहे हैं तो समझ लीजिये कि कोई बात होगी। महागठबंधन बना है, हमलोग सभी साथ हैं।
पटना उच्च न्यायालय द्वारा अनुदान लेनेवाले मदरसों की जांच किये जाने के संबंध में दिए गये आदेश के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कोर्ट का कोई आर्डर होता है तो सब चीजों को देखा जाता है। कोर्ट का आदेश है तो उसे देखा जाएगा। जितने मदरसों को मान्यता मिल गयी है, हमलोग सबकी मदद करते रहे हैं। जिनको पहले मान्यता मिली हुयी थी और बाद में हमलोगों ने जिनको मान्यता दी है उनकी शुरू से सहायता कर रहे हैं। अगर कोई कोर्ट गया है और कोर्ट का जो आर्डर है उसे देखा जाएगा।