डायल 1962 से हो रहा पशुओं का इलाज, पशु और पशुपालकों के लिए बना संजीवनी

DNB Bharat Desk

बिहार सरकार की पशुधन सुरक्षा जैसी महत्वपूर्ण कार्य योजना डायल 1962 खोदाबंदपुर में पशुपालकों  के लिए संजीवनी साबित हो रहा है। सरकार पशुपालकों को उनके घर पर त्वरित पशु स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए पूरे प्रदेश में मोबाइल वेटनरी यूनिट अर्थात भ्रमण शील पशुधन स्वास्थ्य सेवा केंद्र स्थापित किया है ।इसके अंतर्गत एक चार चक्का वाहन जिसे मोबाइल भेनन बोला जाता है और  पैरामेडिकल स्टाफ पशुधन इलाज संयंत्र से लैस होता है ।जिसका एक नंबर है 1962। जिसके माध्यम से किसानों द्वारा बुलावा आने पर यह मोबाइल बाहन किसानों के घर तक जाती है। और उनके दरवाजे पर उनके वीमार पशुओं का इलाज करती है ।

- Sponsored Ads-

डायल 1962 से हो रहा पशुओं का इलाज, पशु और पशुपालकों के लिए बना संजीवनी 2आइए हम जानते हैं खोदावंदपुर  प्रखंड में भरमन शील पशु चिकित्सा यूनिट का क्या जमीनी सच्चाई। पिछले एक पखवाड़े से प्रखंड क्षेत्र में शीत लहर चल रहा है। शीतलहर में मौसमी बीमारियों के साथ-साथ पशु में अन्य बीमारियों का भी प्रकोप बढ़ गया है। ऐसे में जानवरों का बीमार पलना लाजमी है।  प्रखंड के बरियारपुर पश्चिमी पंचायत वार्ड एक सड़क किनारे भ्रमणशील पशु चिकित्सा वाहन खड़ा पाया। देखा तो इस चिकित्सा वाहन के जमीनी सच्चाई का परताल करने के लिए रुक गया। देखा बगल में पशुपालक नीतीश कुमार का घर था । नीतीश कुमार की गाय जो अभी बच्चा दी है वह बीमार था । नीतीश ने डायल 1962 को इसकी सूचना दिया ।22 जनवरी 2025 को 11:30 बजे दिन में ।

डायल 1962 से हो रहा पशुओं का इलाज, पशु और पशुपालकों के लिए बना संजीवनी 3ऐसा नीतीश ने हमें जानकारी दिया है। नीतीश ने बताया कि डायल करने के बाद दिन के 1:00 बजे भ्रमणशील पशुधन स्वास्थ्य चिकित्सा यूनिट की गाड़ी हमारे घर पर पहुंची है। वहान में चालक विमल कुमार और पैरामेडिकल स्टाफ गौरव कुमार है । गौरव कुमार ने हमारे पशुओं इलाज किए हैं। हमारी गाय अभी उन्हीं के देखरेख में इलाज रत है ।पशुपालक नीतीश के साथ-साथ अन्य कई पशुपालकों ने भी बताया कि डायल 1962 कॉल करने पर भ्रमणशील पशु चिकित्सा वाहन पशुपालकों के घर पर जाकर उनके  बीमार जानवरों का इलाज करता है ।

पशु चिकित्सा वाहन में मौजूद मेडिकल स्टाफ गौरव कुमार ने बताया कि हमारे वाहन का मुख्यालय प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सा केंद्र खोदाबंदपुर वेटनरी हॉस्पिटल है ।हम वहीं रहते हैं ।वहां के साथ और जब कभी भी दिन हो या रात 1962 से हमें कॉल जाता है तो हम वाहन के साथ किसानों के घर तक पहुंच कर उनके जानवरों का इलाज करते हैं।  जो हमसे नहीं होने वाला होता है तब उनको हम प्रखंड मुख्यालय स्थित मवेशी हॉस्पिटल के चिकित्सक के यहां रेफर कर देते हैं।

Share This Article