डीएनबी भारत डेस्क
एक साथ दोनों सगी बहनो से शादी करके आज राजस्थान के इस भाई ने यूपी बिहार वालो को भी पीछे छोड़ दिया राजस्थान के टोंक जिले के झोपड़ियां गांव में हुई एक अनोखी शादी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। हरिओम मीणा ने एक ही मंडप में दो सगी बहनों कांता और सुमन से शादी रचाकर समाज को भावनात्मक रिश्तों की एक मिसाल दी। यह शादी केवल एक पारंपरिक विवाह नहीं थी, बल्कि इसमें मानवीय भावनाओं और आपसी जिम्मेदारी की गहरी झलक दिखी।हरिओम के परिवार ने जब उनके लिए रिश्ता तलाशना शुरू किया, तब उनकी मुलाकात टोंक जिले के निवाई उपखंड के सीदड़ा गांव में बाबूलाल मीणा की बड़ी बेटी कांता से हुई।
शादी का रिश्ता लगभग तय हो चुका था, लेकिन जब हरिओम का परिवार सीदड़ा पहुंचा, तो कांता ने अपनी एक शर्त रखी। उसने बताया कि उसे अपनी छोटी बहन सुमन, जो मानसिक रूप से कमजोर है, से बेहद लगाव है और वह उसे अकेला छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। उसने स्पष्ट कर दिया कि शादी तभी होगी जब उसकी बहन भी उसके साथ रहेगी। यह बात सुनकर हरिओम और उनके परिवार वाले हैरान रह गए। लेकिन जब उन्होंने कांता और सुमन के बीच का गहरा स्नेह और आपसी जिम्मेदारी देखी, तो उन्होंने इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया। यह निर्णय न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया।
5 मई को झोपड़ियां गांव में इस अनोखी शादी का आयोजन हुआ। समाज और रिश्तेदारों की उपस्थिति में हरिओम ने दोनों बहनों के साथ पूरे रीति-रिवाजों के साथ सात फेरे लिए। शादी के बाद, दोनों बहनों का ससुराल में पूरे सम्मान और उत्साह के साथ गृह प्रवेश करवाया गया। यह विवाह न केवल एक परिवार के लिए खुशी का अवसर था, बल्कि यह समाज को एक गहरी सीख भी दे गया। इसने यह दिखाया कि रिश्ते केवल सामाजिक मानदंडों और परंपराओं तक सीमित नहीं होने चाहिए। सच्चे रिश्ते भावनाओं, आपसी समझ और जिम्मेदारी पर आधारित होते हैं। कांता ने अपनी बहन के प्रति जो बलिदान और स्नेह दिखाया, वह सभी के लिए प्रेरणा है। वहीं, हरिओम और उनके परिवार का इस रिश्ते को स्वीकार करना उनके बड़े दिल और संवेदनशीलता को दर्शाता है। यह अनोखी शादी समाज में बदलाव और नई सोच लाने का एक उदाहरण है। यह दिखाती है कि अगर हम भावनाओं और मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता दें, तो हमारे रिश्ते और भी खूबसूरत और मजबूत बन सकते हैं।
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