डीएनबी भारत डेस्क
राजस्थान के हनुमानगढ़ में बीते 8 मई को मिग 21 फाइटर विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद भारतीय वायुसेना ने बड़ा फैसला लेते हुए फ्लीट के अन्य विमानों के उड़ान पर रोक लगा दी है। वायुसेना के इस फैसले के बाद अब मिग 21 लड़ाकू विमान आसमान में नहीं उड़ेगा। हालांकि मिग 21 विमान पर यह रोक हमेशा के लिए नहीं लगाई गई है बल्कि 8 मई को राजस्थान के हनुमानगढ़ में हुए विमान हादसे की जांच पूरी होने तक लगाई गई है।
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विदित हो कि 60 के दशक में बना मिग-21 अपने समय में सबसे तेज गति से उड़ान भरने वाला पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान था। इसका इस्तेमाल दुनियाभर के करीब 60 देशों ने किया है। फिलहाल एयरफोर्स के बेड़े मे कुल 31 कॉम्बेट एयरक्राफ्ट स्क्वाड्रन हैं।