दावत ए इफ्तार में दिखा सांप्रदायिक सद्भाव हजारों लोग ने एक साथ बैठकर किया इफ्तार

नप बीहट आशिफपुर गढ़हरा में रमजान के पाक महीने में गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल पेश की गई।

नप बीहट आशिफपुर गढ़हरा में रमजान के पाक महीने में गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल पेश की गई।

डीएनबी भारत डेस्क 

रमज़ान के पवित्र पाक महीने में आशिफपुर गढ़हरा में समाजसेवी सह भाकपा नेता मरहूम महबूब आलम उर्फ चौधरी सलाहउद्दीन के आवासीय परिसर में रहबर यूथ सोसायटी आशिफपुर गढ़हरा की तरफ से दावत ए इफ्तार का आयोजन किया गया। जहां पर गंगा जमुनी तहज़ीब की झलक साफ नजर आई। मौका था स्वंयसेवी संस्था रहबर यूथ सोसाइटी के तत्वाधान में आयोजित सामूहिक रोज़ा इफ्तार पार्टी का जिसमें हिन्दू मुस्लिम दोनों समुदाय के हजारों लोगों ने शामिल होकर देश में शांति सौहार्द व आपसी भाइचारे की कामना की।

रहबर यूथ सोसायटी के संस्थापक महबूब आलम उर्फ चौधरी सलाहउद्दीन द्वारा पिछले कई वर्षों से सामूहिक रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जा रहा है। इस्लाम में एक माह के रोजे रखना मोमिन पर फर्ज है। मुस्लिमों के लिए गुनाहों से मुक्ति और रोजी की तरक्की के लिए यह बड़ा अजमत वाला माह माना जाता है। रमजान को नेकियों या पुन्यकार्यों का मौसम-ए-बहार (बसंत) कहा गया है।

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रमजान को नेकियों का मौसम भी कहा जाता है। इस महीने में मुस्लमान अल्लाह की इबादत (उपासना) ज्यादा करते हैं। यह महीना समाज के गरीब और जरूरतमंद बंदों के साथ हमदर्दी का है। इस महीने में रोजादार को इफ्तार कराने वाले के गुनाह माफ हो जाते हैं। पैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से आपके किसी सहाबी (साथी) ने पूछा- अगर हममें से किसी के पास इतनी गुंजाइश न हो क्या करें। तो हज़रात मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जवाब दिया कि एक खजूर या पानी से ही इफ्तार करा दिया जाए। यह महीना मुस्तहिक लोगों की मदद करने का महीना है।

रमजान के ताल्लुक से हमें बेशुमार हदीसें मिलती हैं और हम पढ़ते और सुनते रहते हैं, लेकिन क्या हम इस पर अमल भी करते हैं। ईमानदारी के साथ हम अपना जायजा लें कि क्या वाकई हम लोग मोहताजों और नादार लोगों की वैसी ही मदद करते हैं जैसी करनी चाहिए। सिर्फ सदकए फित्र देकर हम यह समझते हैं कि हमने अपना हक अदा कर दिया है। जब अल्लाह की राह में देने की बात आती है तो हमें कंजूसी नहीं करना चाहिए। अल्लाह की राह में खर्च करना अफज़ल है। ग़रीब चाहे वह अन्य धर्म के क्यों न हो, उनकी मदद करने की शिक्षा दी गयी है।

दावत-ए-इफ्तार में शामिल हुए राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष डा तनवीर हसन, तेघड़ा विधायक राम रतन सिंह, एमआईएम के प्रदेश प्रवक्ता आदिल कादरी,  बीहट नगर परिषद के मुख्य पार्षद बबीता देवी, उप मुख्य पार्षद ऋषिकेश कुमार, थानाध्यक्ष गढ़हरा प्रतोष कुमार, जदयू के पूर्व एमएलसी भूमिपाल राय, राजद नेता सरफराज आलम, बीहट नगर परिषद के पुर्व उप मुख्य पार्षद धर्मेन्द्र कुमार सिंह, पंकज मिश्रा, जिला टैंकर संघ के अधिवक्ता मासूम खान, राजद के जिला महासचिव मकबूल आलम, पूर्व जिला पार्षद सिकन्दर अली, एमआईएम के साहेबपुर कमाल विधानसभा के प्रत्याशी गोरेलाल यादव, एचएम शिवशंकर कुमार, गोपाल कुमार, गैबीनाथ अमबषटा, अशोक ठाकुर, मुखिया सचित सिंह, पुर्व मुखिया बबन कुमार सिंह, जफर आलम, तलत अहमद, सहित जिला के सामाजिक, राजनीति, बुद्धिजीवी लोग उपस्थित थे।

आए हुए अतिथियों का स्वागत सामाजिक कार्यकर्ता दानिश महबूब ने किया। उन्होंने कहा ऐसे आयोजन से लोगों में भाईचारा का माहौल कायम होता है। जिससे समाज में आपसी दूरी कम होती है और सभी समाज के लोग एक दूसरे के साथ एक साथ बैठकर इफ्तार करते हैं। इस अवसर पर रहवर यूथ सोसायटी के सदस्य आशिफ इकबाल, चांद आलम, ताबिस महबूब मोफिजुर रहमान, मुसीर आलम, मंजर आलम, शहादत हुसैन, नियाज़ अहमद, रेहान, मो तौफिक, साजिद महबूब, फ़ैज़ अकरम शेर अली, शाकिर हुसैन, मो जावेद सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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