कोई काम लगन से किया जाय तो कठिन नहीं है

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सीबीएसई से समबद्धता प्राप्त विद्यालय के बीच क्विज प्रतियोगिता का आयोजन डीएवी एनएच-28, बरौनी में

डीएनबी भारत डेस्क 

डीएवी एनएच-28, बरौनी में बेगुसराय के सीबीएसई सम्बध्दता प्राप्त अंतर विद्यालय प्रश्नोत्तरी (क्विज) का आयोजन शुक्रवार को विद्यालय में श्रीनिवास रामानुजन के जन्म दिवस के अवसर पर बेगुसराय के लगभग 15 सीबीएसई से संबद्धता प्राप्त विद्यालय के बीच क्विज प्रतियोगिता का आयोजन डीएवी, एनएच–28 बरौनी में कराया गया।

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इस क्विज प्रतियोगिता में विकास विद्यालय डुमरी बेगुसराय, डीपीएस बेगुसराय, गंगा ग्लोबल बेगुसराय, केंद्रीय विद्यालय गढहाड़ा, मदर्स्कूस प्राइस , बेगुसराय, उड़ान इंटरनेशनल स्कूल, सिंघौल, माउंट लिटर स्कूल उलाव, संत जोसफ स्कूल बेगुसराय, भारद्वाज गुरुकुल पन्हांस बेगुसराय, संत जुड्स विद्यालय बरौनी, बीआरडीएवी पब्लिक स्कूल बेगुसराय, डीएवी पब्लिक स्कूल इटवा बेगुसराय, डीएवी पब्लिक स्कूल मोकामा, डीएवी पब्लिक स्कूल एनएच-28 बरौनी ने भाग लिया।

यह क्विज प्रतियोगता दो चरणों में संपन्न कराया गया। सबसे पहले कंप्यूटर बेस्ड वस्तुनिष्ठ प्रश्न कराया गया इस आधार पर छः विद्यालय को अगले राउंड के लिए चयनित कराया गया। चयनित विद्यालय को सम-सामायिक, खेल-कूद, सामान्य ज्ञान, सामान्य विज्ञान आदि के प्रश्न्नोत्तरी के माध्यम से संत जोसफ स्कूल बेगुसराय को प्रथम, बीआरडीएवी पब्लिक स्कूल बेगुसराय को द्वितीय व डीएवी पब्लिक स्कूल एनएच-28 बरौनी को तृतीय स्थान हेतु चयनित किया गया।

इस कार्यक्रम का उदघाटन दीप प्रज्वलन कर वैदिक मंत्रोचारण के साथ मृत्युंजय कुमार सिन्हा, पूर्व प्राचार्य एपीएसएम कॉलेज बरौनी, शिवप्रकाश भारद्वाज एवं विद्यालय के प्राचार्य सुमंत घोष ने संयुक्त रूप से किया। श्री सिन्हा ने कार्यकर्म में उपस्थित छात्रों एवं शिक्षकों से कहा कि रामनुजन एक महान गणितज्ञ हुए जिन्होंने बिना किसी ओपचारिक प्रशिक्षण के गणित के लगभग तीन हजार सिद्धांत बनाये।

इससे इनके प्रतिभा और लगन का झलक देखने को मिलता है और इससे प्रतीत होता है कि अगर कोई काम लगन से किया जाय तो कठिन नहीं हैं। वहीं शिवप्रकाश भारद्वाज ने कहा कि बच्चे अगर किसी बात को ध्यान और धैर्य से सुने तो आसानी से किसी चीज सीख सकते परन्तु आये दिन इस बात की बच्चों में निरंतर कमी आ रही है। वहीं विद्यालय के प्राचार्य सुमंत घोष ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसी प्रतियोगिता से बच्चे देश के महान व्यक्तियों के बारे जानकारी हासिल कर अपने जीवन का रोल मॉडल मानता और अपने जीवन के लक्ष्य को बेहत्तर बनाने का प्रयास करता है।

उन्होंने कहा कि आज भारत के जिन महान व्यक्तियों को इस क्विज के माध्यम से याद किया जा रहा है उन्होंने अपने मात्र ३२ साल जीवन काल में अतुलनीय योगदान दिया जिससे भारत सरकार ने उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मानाने का निर्णय लिया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में धनञ्जय कुमार मिश्रा, सग्नी बन्दोपध्य्याय, हेमन्त कुमार मिश्रा, सोनी कुमारी, स्नेहा कुमारी का योगदान महत्वपूर्ण रहा।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार 

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