बीपीएससी माफियाओं के चंगुल में, मेधावी छात्रों का हो रहा भविष्य बर्बाद – विजय सिन्हा

बिहार लोक सेवा आयोग के कारनामों की सीबीआई जांच हो। छात्रों पर लाठीचार्ज निंदनीय। बिहार लोक सेवा आयोग माफियाओं के चंगुल में। बिहार लोक सेवा आयोग मे धांधली से मेधावी छात्रों का भविष्य बर्बाद - विजय कुमार सिन्हा

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बिहार लोक सेवा आयोग के कारनामों की सीबीआई जांच हो। छात्रों पर लाठीचार्ज निंदनीय। बिहार लोक सेवा आयोग माफियाओं के चंगुल में। बिहार लोक सेवा आयोग मे धांधली से मेधावी छात्रों का भविष्य बर्बाद – विजय कुमार सिन्हा

डीएनबी भारत डेस्क 

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बिहार लोक सेवा आयोग के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समर्थन में उनसे मुलाकात की। बीपीएससी के द्वारा ली गई डीपीआरओ की मुख्य परीक्षा में सिलेबस के बाहर मास कम्युनिकेशन विषय से प्रश्न पूछे जाने के कारण छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। सिन्हा ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज की निन्दा करते हुये कहा कि 10 लाख लोगों को नौकरी देने के बजाय सरकार छात्रों को लाठी से पीटवा रही है। सिन्हा ने कहा कि सरकार अपने अहंकारी और तानाशाही प्रवृत्ति के कारण पतन की ओर अग्रसर हो रही है।

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प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि उनकी मांग जायज है। परीक्षा रद्द होनी चाहिए और सिलेबस के अंदर के विषय से ही प्रश्न पूछे जाने चाहिए। सिन्हा ने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग में व्याप्त, भ्रष्टाचार फर्जी कार्यकलाप एवं परीक्षा में धांधली को रोकने हेतु सीबीआई जांच होनी चाहिए। उपसचिव, संयुक्त सचिव, परीक्षा नियंत्रक एवं सचिव के पद पर एक ही व्यक्ति बदल बदलकर पदासीन हुए हैं । यह दर्शाता है कि बीपीएससी में घोटाला की जननी यहीं के लोग हैं।

सिन्हा ने कहा कि 67 वीं परीक्षा में प्रश्न पत्र आउट कराकर मुंह मांगे रकम पर ठीका लेकर अभ्यर्थियों को पास कराने की जिम्मेदारी ली गई। बाद में परीक्षा रद्द कर एसआईटी जांच बैठाया गया। लेकिन उस धांधली में लिप्त चहेते प्रशासनिक पदाधिकारी को नहीं पकड़ कर छोटे-छोटे किरदार वाले लोगों को पकड़ा गया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक ही जिले के कर्मी बीपीएससी कार्यालय में प्रतिनियुक्त है। पता नहीं सरकार बिहार के मेधावी छात्रों के भविष्य के साथ क्यों खिलवाड़ कर रही है।

सिन्हा ने कहा कि बीपीएससी की सभी परीक्षा माफियाओं की जकड़ में है। सीओ से लेकर एसडीएम तक के पदों का मूल्य निर्धारित है। इसका नियंत्रण सत्ता में बैठे शीर्षस्थ लोगों द्वारा की जाती है।

सरफराज आलम

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