कुर्सी कुमार कुर्सी के लिए व्यक्तिगत सिद्धांत को छोड़कर धृतराष्ट्र की तरह हर समझौता कर लिए हैं – विजय सिन्हा

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डीएनबी भारत डेस्क 

बिहार विधानसभा नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा आज बेगूसराय पहुंचे। यहां सर्किट हाउस में मिडिया को सम्बोधित करते हुई उन्होंने आम बजट पर सरकार का पक्ष रखा उन्होंने कहा कि बिहार ही नहीं इससे दूसरे राज्य के लोगों को भी फायदा होगा। वहीं उन्होंने बिहार सरकार पर जातीय उन्माद फैलाकर सत्ता पर आसीन होने की बात कही। उन्होंने आईएएस अधिकारी के के पाठक के संबंध में कहा कि उन पर कार्रवाई होनी चाहिए जिस राज्य मे सरकार के मुखिया ही धृतराष्ट्र हो उसके अधिकारी कैसा होगा।

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उन्होंने वर्ण व्यवस्था पर पर तेजस्वी यादव के बयान की निंदा करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव जिस गोद से पल कर आये है जिस रोटी को खाये है इसका विचार और भाव उसी तरह का बनेगा। यह जंगलराज के पुरोधा जंगलराज को स्थापित करने वाले लोगों मे शामिल है जो जातीय उन्माद पैदा करते हैं। इनको अगर जानकारी नहीं है तो जानकारी ले ले  कि सनातन सत्य हैै। सत्य सनातन में हर व्यक्ति चारों वर्ण से गुजरता है। उन्होंने कहा कि हर जाति में 10% वो लोग हैं जो कृमि लेयर है और नब्बे प्रतिशत को शोषण करता है। वही दस पर्सेंट लोग हर दल मे सत्ता मे बरसों बरस से बैठे हैं और अपने परिवारवाद की जमींदारी चला रहे हैं।  बिहार की सरकार और अधिकारी पूरी तरीके से फेल्योर है।

उन्होंने बेगूसराय में हुए मुखिया कांड के संबंध में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह साजिश के तहत की गई हत्या है जो दो थाना के बीच में अवस्थित है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने गुंडाराज स्थापित किया था नीतीश कुमार उन्ह लोगों से समझौता कर बिहार मे गुंडा राज स्थापित करने का काम किया है। उन्होंने के के पाठक के द्वारा बिहारी लोगों को देने वाले गाली के बयान के खिलाफ भाषा के अधिकारियों द्वारा काला बिल्ला लगाकर काम करने पर कहा कि जिस राज्य का राजा का जुबान ही बाचल हो जिसपर कोई नियंत्रण ना हो लोगों को अपमानित करने का भाव हो जिसका मुख्यमंत्री उप मुख्यमंत्री और मंत्री की भाषा ठीक ना हो पदाधिकारी भी उसी राह पर बढ़ गया है।

उन्होंने कहा कि जब-जब राजनीतिक अस्थिरता आई है तब तब भ्रष्टाचार चरम पर पहुंचा है। आज बिहार में घोर त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कुर्सी कुमार कुर्सी के लिए व्यक्तिगत सिद्धांत को छोड़कर कुर्सी के लिए धृतराष्ट्र की तरह हर समझौता कर लिए हैं। कार्रवाई की उम्मीद कम है ऐसे लोगों से कार्रवाई की उम्मीद कम है।

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