विद्युत श्रमिको ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हुए एनटीपीसी अधिकारियों का किया पुतला दहन
एनटीपीसी के भ्र्ष्ट अधिकारी के रूप में मुरारी मिश्रा उप महाप्रबंधक, रणवीर सिंह अपर महाप्रबंधक, विजेंद्र कुमार सीनियर प्रबंधक, विजय वर्मा केमिस्ट्री डी जी एम ए सी द्वेवेदी का पुतला दहन किया गया.
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिले के बरौनी ताप विद्युत श्रमिक संघ के तत्पावधान में रविवार को कार्यालय गेट के सामने स्थित अपने कार्यालय से मजदूरों की शोषण एवं दोहन के विरोध में संघ के अध्यक्ष सुनील कुमार के नेतृत्व में एक आक्रोश मार्च सह एनटीपीसी के भ्रष्ट अधिकारीयों का पुतला दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें एनटीपीसी के भ्र्ष्ट अधिकारी के रूप में मुरारी मिश्रा उप महाप्रबंधक, रणवीर सिंह अपर महाप्रबंधक, विजेंद्र कुमार सीनियर प्रबंधक, विजय वर्मा केमिस्ट्री डी जी एम ए सी द्वेवेदी का पुतला दहन किया गया.
उक्त कार्यक्रम के तहत कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए संघ के अध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि ntpc के कुछ अधकारियों तथा कुछ संवेदको के नापाक गठबंधन से मजदूरों का लगातार शोषण एवं दोहन किया जा रहा है, जिसको नियंत्रित करने हेतु संघ द्वारा लगातार पत्राचार वार्ता करके एनटीपीसी का ध्यान आकृष्ट किया गया. इतना ही नहीं विगत एक महीना पहले संघ एनटीपीसी के अधिकारियों तथा सहायक श्रम आयुक्त केंद्रीय के समक्ष त्रिपक्षीय समझौता हुआ. इसमें 31 जनवरी तक श्रमिकों से संबंधित विभिन्न मांगों के समाधान हेतु मांग मांगा गया था.
जिसे देखते हुए संघ के प्रतिनिधियों ने उद्योग हित एवं मज़दूर हित को देखते हुए शांतिपूर्ण वातावरण बनाने हेतु अपने द्वारा निर्धारित चरणबाद आंदोलन को स्थगित किया था. बावजूद डेढ़ महीना बीतने के उपरांत भी बरौनी एनटीपीसी प्रबंधन के द्वारा कोई आवश्यक पहल नहीं की गई. इतना ही नहीं संवेदको के द्वारा मज़दूरों पर हर महीना 2000 से ₹4000 अपने तनख्वाह से वापस करने के लिए दबाव बढ़ाया जाने लगा और नहीं देने पर तरह-तरह की पड़तारना, मज़दूरों के साथ दुर्व्यवहार और गेट पास छीन लेना, बार-बार नोटिस देना, काम से हटाने की धमकी देना लगातार जारी है.
इतना ही नहीं डीएम प्लांट के अंदर संवेदकों के कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा मजदूरों के साथ मारपीट की गई थी जिसके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई उलटे एनटीपीसी प्रबंधन के द्वारा मजदूर आशुतोष कुमार एवं दुर्गानंद के ऊपर ही कुछ आरोप लगाकर उन्हें 10 दिन की हाजरी काट ली गई जो आग में घी देने का काम किया गया. सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात यह है कि एक ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश एवं पूरे देश में महिला सशक्तिकरण की बात की जा रही है.
दूसरी ओर एनटीपीसी बरौनी में काम करने वाली सफाई कर्मी महिलाओं को मात्र ₹200 मजदूरी प्रतिदिन दिया जा रहा था, जब संघ के द्वारा आवाज उठाया गया तो उसे काम करने के क्रम में परेशान करना शुरू किया गया और उसे काम से हटाने की धमकी दी जा रही है. ऐसे कई उदाहरण हैँ जो मजदूरों को पड़तरित करने का काम जारी है. मजदूरों को समय पर वेतन, न्यूनतम मजदूरी, लीव रिट्रेंचमेंट, पीएफ, सेफ्टी सामग्री, शुद्ध पेयजल, विश्रामालय,शौचालय की सुविधा मुहैया न कराना एनटीपीसी प्रबंधन के लिए आम बात हो गई है. सभी परिस्थितियों को देखते हुए संघ ने बाध्य होकर मजदूर हितों में चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की. जिसके दूसरे चरण में आक्रोश मार्च सह भ्रष्ट अधिकारियों का पुतला दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
इसके उपरांत भी अगर बरौनी एनटीपीसी के द्वारा मजदूरों की समस्याओं के समाधान हेतु कोई आवश्यक पहल नहीं की गई तो 19 फरवरी के बाद मजदूर किसी भी समय पूर्णतः हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी एनटीपीसी प्रबंधन की होगी न की संघ की। ज्ञात हो कि इन सारे कार्यक्रमों की सूचना 15 दिन पहले एनटीपीसी प्रबंधन तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों को दे दी गई है । संघ के अध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि अब मजदूरों का शोषण एवं दोहन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा और मजदूर हितों में संघ आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है।
डीएनबी भारत डेस्क