विद्यालयों की साफ सफाई की हालात बदतर, सफाई मद के राशि का होता है बंदर बांट
उत्क्रमित मध्य विद्यालय नवटोलिया दौलतपुर में नहीं पहुंचा आज तक सफाई कर्मी
डीएनबी भारत डेस्क
खोदाबंदपुर| पिछले 1 साल से जिले के सरकारी विद्यालयों में साफ सफाई का जिम्मा ठीकेदार को दिया गया है।आउटसोर्सिंग के माध्यम से प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में साफ सफाई कराया जा रहा है। लेकिन मजे की बात है जब इसका धरातल पर सत्यापन किया गया तो उत्क्रमित मध्य विद्यालय दौलतपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक मोहम्मद अब्दुल्लाह ने दूरभाष पर बताया कि विगत 1 वर्ष से यह कार्यक्रम चल रहा है लेकिन आज तक हमारे विद्यालय में कोई सफाई कर्मी आया ही नहीं। मुझे आशंका है कि हमारा फर्जी हस्ताक्षर करके ठेकेदार द्वारा अधिकारियों की मिली भगत से राशि का निकासी किया जा रहा होगा।
इस संदर्भ में उन्होंने कोई पुख्ता प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया। लेकिन उन्होंने अधिकारियों से इस बात का जांच करने का अनुरोध किया है। शुक्रवार को जब प्रखंड के विद्यालयों का साफ सफाई का जयजा लेने मध्य विद्यालय बेगमपुर एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेगमपुर पहुंचा तो देखा कि वहां के शौचायलयों से बदबू आ रही थी। परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ था । प्रधानाध्यापिका पंचमुखी देवी ने बताया कि हमारे यहां इधर दो माह से दो महिला को 9:00 बजे सफाई के लिए भेजा जाता है ।लेकिन उनके सफाई से हम संतुष्ट नहीं हैं । वह सिर्फ विद्यालय परिसर में जैसे तैसे झाड़ू बहार करके चली जाती है ।
ना तो शौचालय का ठीक ढंग से सफाई किया जाता है ना तो विद्यालय के कुर्सी, बेंच डैक्स एवं दीवाल की साफ सफाई की जाती है। बार-बार कहने पर स्थिति में कोई सुधार नहीं है । हमने इसके बारे में उच्च अधिकारियों को भी अवगत करा दिया है। लेकिन किसी स्तर से इस दिशा में कोई कारगर पहल नहीं किया गया है। हम लोग उच्च अधिकारी के भय से हस्ताक्षर कर देती हैं। ठेकेदार का भुगतान जिला स्तर से ही होता है। भुगतान में हम लोग की कोई सहभागिता नहीं है । जब प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाड़ा पहुंचा तो वहां की प्रभारी प्रधानाध्यापक फूल कुमारी कुछ भी बताने से परहेज करती रही।
और विद्यालय में पठन पाठनएवं अपनी कमियों को छुपाने के लिए संवाददाताओं की टीम से अपने पुत्रों को बुलाकर बकवास करती रही। अंततः उन्होंने सिर्फ इतना बताया कि हमारे विद्यालय में साफ सफाई ठीक-ठाक चल रहा है । कुल मिलाकर देखें तो यहां सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर उच्च अधिकारी से सांठ गांठ कर लाखों खर्च के बावजूद भी प्रखंड के विद्यालयों की मुकम्मल सब सफाई व्यवस्था नहीं हो पता है। सफाई के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की जाती है। क्योंकि मजदूरी का भुगतान विद्यालय स्तर से नहीं होता है जिला स्तर से ही किया जाता है। इसलिए ग्रामीण लोग इसके जिम्मेदार उच्च अधिकारी को ही बता रहे हैं।
कहते हैं अधिकारी इस मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी दानी राय ने बताया कि जहां तक हमको जानकारी है विद्यालय में हाल के दिनों में साफ सफाई में सुधार हुआ है। हमको विद्यालय के प्रधानाध्यापक अपना हस्ताक्षरित सूची देते हैं। हम तो उसी के आधार पर कह सकते हैं की साफ सफाई होता है या नहीं हो पता है।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट