समस्तीपुर: वाहन चालक के हड़ताल से यात्रियों की बढ़ी परेशानी,सरकार के तुगलकी फरमान के विरोध में सड़क पर उतरे चालक

 

 

डीएनबी भारत डेस्क

समस्तीपुर :- भारत सरकार के सड़क दुर्घटना संबंधी नए कानून से डरे सहमें बसों और ट्रकों के चालकों की हड़ताल का समस्तीपुर जिले में भी असर देखने को मिल रहा है। वाहनों का परिचालन ठप रहने से आम यात्री इस भीषण ठंड में कई तरह की परेशानियां सहने को मजबूर हो गए हैं। समस्तीपुर शहर के समाहरणालय के सामने स्थित बिहार राज्य पथ परिवहन निगम और कर्पूरी बस पड़ाव से प्रतिदिन 30 से अधिक बसें समस्तीपुर से पटना राजधानी चला करती हैं, लेकिन हड़ताल की वजह से वह सभी आज ठप हैं।

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एक तरह से इन वाहनों के पहिए पर ब्रेक लग गया है।इस संबंध में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के एक कर्मी ने बताया कि देशभर की हड़ताल के मद्देनजर और बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर बसों का परिचालन रोका गया है। जगह-जगह यात्री सड़कों पर बसों के आने का इंतजार करते हुए देखे जा रहे हैं। इधर, समस्तीपुर जिले से होकर गुजरी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 28 की बात करें तो आज नहीं के बराबर ट्रक और बसें चल रही हैं।

ठंड के मौसम में अपने गंतव्य तक जाने वाले यात्री काफी परेशान हैं। इधर, शहर में बड़े वाहनों का परिचालन ठप होने के साथ ही टोटो चालकों का भी परिचालन बंद करवाया जा रहा है। आम शहर वासी अचानक इस तरह के विरोध प्रदर्शन और वाहन चालकों के हड़ताल को बहुत नहीं समझ पा रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि यह हड़ताल तीन दिनों तक रहेगी। असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में लोगों की परेशानी बढ़ गई है।अनेक वाहन चालकों ने बताया कि सड़क दुर्घटना में किसी की मृत्यु होने पर उन्हें 5 साल का जेल भुगतना होगा। यह सरकार का निर्णय गलत है।

वहीं 10 लाख रुपए जुर्माना की भी बात की चर्चा हो रही है। चालकों का कहना है कि कोई भी ड्राइवर जानबूझकर दुर्घटना नहीं करता है। बहरहाल, नए साल के पहले दिन वाहनों का परिचालन ठप होने से यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई है। बस पड़ाव पर सन्नाटा देखने को मिल रहा है।

समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम की रिपोर्ट

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