पीके ने फिर से नीतीश तेजस्वी पर बोला हमला, कहा ‘राज्य सरकार जनता को उलझा रही’

बिहार में आज दलितों के बाद सबसे खराब हाल मुस्लिमों का। नीतीश और तेजस्वी यादव करते हैं जाति की राजनीति जनता को आपस में उलझाए रखने के लिए पर नहीं उठाते ठोस सुधारवादी कदम

डीएनबी भारत डेस्क 

जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर दलितों और मुसलमानों की उपेक्षा करने को लेकर जोरदार हमला बोला है। प्रशांत किशोर ने जनता को समझाते हुए कहा कि बिहार के 13 करोड़ लोग जनगणना के मुताबिक सबसे गरीब और पिछड़े हैं। ये जानकारी सरकार के पास है इसे क्यों नहीं सुधारते। दलितों की जनगणना आजादी के बाद से हो रही है उसकी दशा आप क्यों नहीं सुधार रहे हैं। उनके लिए आपने क्या किया? मुसलमानों की जनगणना की हुई है उनकी हालत सुधर क्यों नहीं रही है?

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बिहार में आज दलितों के बाद मुसलमानों की हालत सबसे खराब है पर कोई इस पर बात नहीं कर रहा है। जनगणना कराने और उसके विरोध करने वाले लोगों से मैं अपील करता हूं कि समाज में कोई वर्ग सही मायने में पीछे छूट गया है और उसकी संख्या ज्यादा है और सरकार सर्वे करवा रही है तो करवाने दीजिए।

राज्य सरकार जनता को उलझा रही
प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बातचीत में आगे कहा कि बिहार की सरकार जनता को उलझा रही है कि आधे लोग लाग जाए जनगणना के पक्ष में और आधे लोग लग जाएं जनगणना के विपक्ष में। इसके बाद कोई इसकी चर्चा न करे कि बिहार में पढ़ाई हो रही है या नहीं, रोजगार मिल रहे हैं या नहीं। सब एक बार जाति में आग लगाकर अपनी रोटी सेंक कर फिर से एक बार मुख्यमंत्री बन जाए।

राज्य सरकार क्यों नहीं बता रही कि सर्वे के रिजल्ट की क्या होंगी मान्यता
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि सर्वे और जनगणना में आसमान जमीन का फर्क है। सर्वे की कोई लीगल एंटीटी नहीं है। राज्य सरकार ने इस बात को कभी स्पष्टता से नहीं बताया कि सर्वे का जो रिजल्ट आएगा उसकी मान्यता क्या होगी ? उसकी मान्यता तो कुछ है नहीं। राज्य सरकार सर्वे कभी भी करा सकती है मान लीजिए अगर लीगल एंटीटी मिल भी गई तो जातियों के जनगणना मात्र से लोगों की स्थिति सुधरेगी नहीं।

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