तेघरा रेलवे स्टेशन का विस्तारीकरण कार्य शुरू, लोगों में हर्ष का माहौल

 

स्थानीय लोगों ने स्टेशन प्लेटफॉर्म पर धरना प्रदर्शन कर स्टेशन से संबंधित 14 सूत्री माँगों का ज्ञापन स्टेशन अधीक्षक को सौंपकर समस्याओं के निदान की माँग किया था।

डीएनबी भारत डेस्क

रेल विभाग द्वारा तेघड़ा रेलवे स्टेशन के विस्तारीकरण का कार्य शुरू करने पर स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है। वहीं इस स्टेशन के विकास के लिये वर्षों पूर्व से संघर्षरत जन जागरण अभियान मंच एवं तेघड़ा विकास संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने इस कार्य को शुरू करने के लिये रेल विभाग एवं सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है।

मालूम हो कि तेघड़ा रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का आभाव होने एवं इस स्टेशन का हॉल्ट का रूप लेने के बाद जन जागरण अभियान मंच के बैनर तले सर्वप्रथम वर्ष 2009 में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने स्टेशन प्लेटफॉर्म पर धरना प्रदर्शन कर स्टेशन से संबंधित 14 सूत्री माँगों का ज्ञापन स्टेशन अधीक्षक को सौंपकर समस्याओं के निदान की माँग किया था। पुनः वर्ष 2010 में लोगों ने धरना दिया एवं माँगों का ज्ञापन स्टेशन अधीक्षक एवं डीआरएम सोनपुर को सौंपा किन्तु रेल विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया।

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इस आंदोलन के संयोजक सह अधिवक्ता शशिभूषण भारद्वाज ने बताया कि संघर्ष समिति के शिष्टमंडल के द्वारा स्टेशन की समस्याओं से सम्बंधित माँगों का ज्ञापन डीआरएम सोनपुर, जीएम हाजीपुर, रेलमंत्री भारत सरकार सहित तत्कालीन स्थानीय सांसद को भी दिया गया। लगातार आंदोलन के बावजूद इस ओर सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाने के बाद लोगों में नाराजगी बढ़ती गई और आंदोलन मजबूत होने लगा। इसी तरह वर्ष 2012 में एकबार फिर लोगों ने रोषपूर्ण धरना दिया।

इन आंदोलनों में अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह, तारकेश्वर प्रसाद सिंह, किसान नेता दिनेश सिंह, रामानुज चौधरी, मदनमोहन सिंह, ब्रजकिशोर सिंह, मकबूल आलम, डॉ0 उग्रनारायण पंडित, अशोक कुमार ठाकुर, पवन ठाकुर, कृष्णनंदन सिंह, सच्चिदानंद पाठक, महेन्द्र शर्मा , कृष्णनंदन मिश्रा, सरोज पासवान, रंजीत कुँवर सहित अन्य लोगों की सक्रिय भूमिका रही। बाद में तत्कालीन सांसद भोला सिंह ने स्टेशन पर पहुँचकर समस्याओं का जायजा लिया एवं स्टेशन को गोद लेने की घोषणा किया।

सांसद भोला सिंह के प्रयास से स्टेशन का जर्जर ऊपरी पुल को हटाकर नया पुल का निर्माण हुआ साथ ही स्टेशन पर कई छोटे मोटे कार्य भी हुये। सूत्रों की मानें तो भोला सिंह के द्वारा ही स्टेशन के सम्पूर्ण विकास से संबंधित योजना का प्रस्ताव रेल विभाग को सौंपा गया था। इधर जब रेल विभाग द्वारा तेघड़ा स्टेशन से सम्बंधित योजनाओं को ठंढ़े बस्ते में डाल दिया गया। राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा के द्वारा भी दो बार स्टेशन पर पहुँचकर निरीक्षण किया गया किन्तु परिणाम ढाक के तीन पात साबित हुये।

पुनः वर्ष 2023 में लोगों ने स्टेशन पर धरना देकर समस्याओं को लेकर आर पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया और इसी परिपेक्ष्य में तेघड़ा विकास संघर्ष समिति ने एक विशाल बैठक आयोजित कर सशक्त आंदोलन की रूपरेखा तैयार किया और रेल विभाग को इससे अवगत कराया। आमजनों की माँग पर अब रेल विभाग के द्वारा तेघड़ा रेलवे स्टेशन पर विस्तारीकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। बताते चलें कि तेघड़ा स्टेशन पर कुल चार बड़े प्लेटफॉर्म, रेल पटरियों के बाहर बुकिंग कार्यालय एवं प्रतीक्षालय का निर्माण, पहुँच पथ का निर्माण, 14 नम्बर गुमटी रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण आदि का कार्य प्रारंभ हो चुका है।

रविवार को तेघड़ा विकास संघर्ष समिति के सदस्य तारकेश्वर प्रसाद सिंह, शशिभूषण भारद्वाज, पवन ठाकुर, डॉ0 उग्रनारायण पंडित, डॉ0 मो0 शाहिद अकबरी उर्फ मिस्टर, कामदेव यादव, सोपल सिंह, अशोक कुमार ठाकुर आदि ने स्टेशन पर पहुँचकर विकास कार्यों की जानकारी प्राप्त की। उक्त लोगों ने इस कार्य के शुरू होने पर रेल विभाग एवं इस आंदोलन में सहयोग करने वाले तमाम तेघड़ा वासियों के प्रति आभार प्रकट किया।

बेगूसराय तेघड़ा संवाददाता शशिभूषण भारद्वाज की रिपोर्ट

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