वेद के अनुसार मां को सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है-स्वामी चिदात्मन जी महाराज
प्रथम प्रक्रिया वैदिक है और दूसरी प्रक्रिया वेद आधारित सांप्रदायिक है वैदिक प्रक्रिया से ही पुरनत्व की प्राप्ति होती है
डीएनबी भारत डेस्क
सिमरिया धाम स्थित सिद्धाश्रम कालीधाम सर्वमंगला आध्यात्म योग विद्या पीठ सिमरिया धाम के ज्ञान मंच से पूज्य गुरुदेव स्वामी जी ने नियमित भागवत कथा में मंगलवार को अपने अमृत वाणी से यह बात कही की वेद के अनुसार मां को सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है इसके बाद पिता और फिर गुरु ,दीक्षा गुरु की दो श्रेणी होती है प्रथम प्रक्रिया वैदिक है और दूसरी प्रक्रिया वेद आधारित सांप्रदायिक है वैदिक प्रक्रिया से ही पुरनत्व की प्राप्ति होती है ठीक उसी प्रकार जैसे किसी पात्र का गंगा जल गंगा नहीं हो सकता है
वह सिर्फ वेद मात्र से ही प्राप्त हो सकता है वह तत्व ज्ञान जिससे पुरनत्व पाकर मानव एह लौकिक सुख एवं पारलौकिक गति को प्राप्त करते हैं। वहीं इस पुनीत अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं में रविन्द्र ब्रह्मचारी,राजगीर कुमार,मीडिया प्रभारी नीलमणि सदानंद झा,अरविंद चौधरी,राजेश झा, दिनेश झा मोनू झा ,राम झा,श्याम झा अरूणा देवी,संयुक्ता देवी,रंजना देवी,हनी शर्मा प्रयाग,रूपाली शर्मा प्रयाग,मामू पण्डित सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु संत महात्मा उपस्थित थे।
वहीं इस संबंध में जानकारी देते हुए मिडिया प्रभारी नीलमणि ने बताया कि बुधवार की सुबह आठ बजे सिद्धाश्रम सिमरिया धाम से परिक्रमा जत्था निकलेगा। उन्होंने इस दौरान समस्त देशवासियों व श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में परिक्रमा जत्था में शामिल होने का अपिल किया।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट