छात्र प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई करें महाविद्यालय को डिजिटल सिस्टम की ओर ले जाने की जरूरत है- कुलपति

बिहार का नंबर वन विश्वविद्यालय बना है मिथिला विश्वविद्यालय

बिहार का नंबर वन विश्वविद्यालय बना है मिथिला विश्वविद्यालय।

डीएनबी भारत डेस्क 

छात्र प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई करें, आज महाविद्यालय को डिजिटल सिस्टम की ओर ले जाने की जरूरत है। खास करके मिथिला विश्वविद्यालय के जो भी महाविद्यालय हैं उनको अपनी जानकारियों को नई तकनीक से लैस करने की आवश्यकता है। तभी तो बिहार में मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा बिहार का नंबर वन बना है और बना रहेगा।

उक्त बातें रामचरित्र सिंह स्मारक महाविद्यालय बीहट में मंगलवार को बाबू रामचरित्र सिंह की जयंती अवसर पर महाविद्यालय में यूजीसी के सौजन्य से 25 लाख रुपए की लागत से बने इंडोर स्टेडियम एवं महिला छात्रावास का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलपति प्रो सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा। उन्होंने कहा छात्र छात्राओं को सारी सुविधाएं दी जाएगी। छात्र छात्राओं को किसी भी काम के लिए दरभंगा यूनिवर्सिटी जाने की जरूरत नहीं है। जो भी समस्या है वो महाविद्यालय के प्राचार्य के माध्यम से भेजें और समस्या का समाधान होगा।

उन्होंने कहा मिथिला विश्वविद्यालय का कोई भी कॉलेज बी ग्रेड से नीचे नहीं है। अपने महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के लिए नैक मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए काम करें। उन्होंने कहा कि मुझे देश के प्रतिष्ठित संस्थान के साथ सेवा करने का अवसर मिला। जिसे मैंने 3 साल की अवधि में नैक मूल्यांकन में ए प्लस का दर्जा दिलाने का काम किया। उन्होंने रामचरित्र बाबू के बारे में कहा वे बेहतर प्रशासक, कुलपति और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने बदलते दौर में जिस इलेक्ट्रॉन की बात की थी आज हमारी शिक्षा को भी नई तकनीक से जोड़ने की जरूरत है।

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इस अवसर पर इंडोर स्टेडियम में आयोजित समारोह में बाबू रामचरित्र सिंह की तैलचित्र पर आगत अतिथियों के द्वारा पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए पूर्व सांसद सह शासी निकाय अध्यक्ष शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा रामचरित्र सिंह स्मारक महाविद्यालय बीहट बहुत गरीब महाविद्यालय है और यहां पर शिक्षकों की भारी कमी भी है। शिक्षक नियुक्त होंगे तो छात्रों को बेहतर शिक्षा देंगे। उन्होंने कहा रामचरित्र सिंह ईमानदार की प्रतिमूर्ति व एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे।

वहीं शासी निकाय सचिव सह स्थानीय विधायक राम रतन सिंह ने कहा कि आरसीएसएस कालेज बीहट संसाधन से लैस नहीं है। जिससे शिक्षक व छात्रों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कुलपति से आग्रह किया कि आरसीएसएस कालेज बीहट की समस्या का निदान अवश्य करें। स्वागत भाषण आरसीएसएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ रंजन कुमार एवं संचालन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष प्रो चन्द्रभानू प्रसाद सिंह ने किया। वहीं आगत अतिथियों को अंगवस्त्र, मिथिला पाग एवं माला पहनाकर स्वागत किया गया।

इस अवसर पर विश्व विद्यालय प्रतिनिधि अभय कुमार, प्राचार्य जीडी कालेज डाॅ राम अवधेश कुमार, प्राचार्य एसबीएस काॅलेज बेगुसराय डाॅ अवधेश कुमार सिंह, प्राचार्य एपीएसएम काॅलेज बरौनी डॉ मुकेश कुमार, प्राचार्य श्रीकृष्ण सिंह महिला काॅलेज बेगूसराय डाॅ विमल कुमार, पूर्व प्राचार्य प्रो विधासागर सिंह, पूर्व प्राचार्य मनोरंजन प्रसाद सिंह, प्रो जयप्रकाश सिंह, प्राचार्य तियाय काॅलेज गाजी सलाउद्दीन सहित अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद थे। वहीं महाविद्यालय परिवार द्वारा सभी आगत अतिथियों का स्वागत किया गया। वहीं प्रो सुदामा गोस्वामी एवं प्राचार्य अशोक पासवान, विष्णु देव दास के नेतृत्व में महाविद्यालय की छात्राएं निशू, कशिश, रूपाली, आरती, पुष्पांजलि एवं छोटी कुमारी ने स्वागत गान एवं राष्ट्रीय गीत की प्रस्तुति दी।

वहीं पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने आरसीएसएस काॅलेज बीहट में बाबू राम चरित्र सिंह की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की और इसके अलावा उद्घाटनकर्ता के रूप में कुलपति को पुनः महाविद्यालय आने का न्योता दिया। धन्यवाद ज्ञापन जंतु विज्ञान के व्याख्याता शिक्षक प्रतिनिधि प्रोफेसर हरिनारायण सिंह ने किया।वहीं इस मौके पर एआईएसएफ के नेताओं द्वारा कुलपति प्रो सुरेन्द्र प्रताप सिंह को अपनी मांगों से भरा एक ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर रामकृष्ण कुमार, राकेश कुमार सहित अन्य एआईएसएफ कार्यकर्ता उपस्थित थे।

मौके पर डॉ रामविलास सिंह, डॉ सच्चिदानंद सिंह, प्रो राणा संग्राम सिन्हा, प्रो अर्जुन शर्मा, प्रधान लिपिक विनोद कुमार सिंह, प्रो अशोक सिंह, प्रो विद्यासागर सिंह, प्रो शैलेंद्र कुमार राय, प्रो नूर हसन, प्रो बाल्मीकि प्रसाद सिंह, प्रो मनोज कुमार, डॉ मंजू कुमारी, प्रो निगरा, प्रो आशा कुमारी, प्रो बिजली कुमारी, उपेंद्र मिश्र, रितु कुमारी, नूतन कुमारी, अरुण सिंह रामाशीष शाह, अरुण कुमार गांधी, अशोक कुमार सिंह, राम उदगार सिंह, अमरनाथ सिंह, शोभा कुमारी, गणेश पासवान, रंजीत कुमार समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।

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