सिमरिया गंगा घाट में पूरे धूमधाम से हुआ अर्ध कुंभ का आगाज
बेगूसराय जिला के सिमरिया गंगाघाट पर श्रद्धालुओं की उमरी भीड़।
बेगूसराय जिला के सिमरिया गंगाघाट पर श्रद्धालुओं की उमरी भीड़।
डीएनबी भारत डेस्क
आदि कुंभ स्थली के नाम से प्रसिद्ध बेगूसराय जिले के सिमरिया गंगा घाट पर पूरे धूमधाम से अर्ध कुंभ का आगाज किया गया। इस मौके पर सर्वप्रथम चिदात्मन जी महाराज के नेतृत्व में गंगा धाम की परिक्रमा की गई। जिसमें सैकड़ो साधु संतों के साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
इस मौके पर रथ, घोड़े, गाजे बाजे के साथ सिमरिया गंगा धाम की परिक्रमा निकाली गई। पूरा वातावरण भगवान के जयकारे से गूंजता रहा। गौरतलब है कि इससे पूर्व भी वर्ष 2011 में अर्ध कुंभ एवं वर्ष 2017 में महाकुंभ का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है। इस बार भी 6 वर्षों के बाद अर्ध कुंभ का आयोजन किया गया है।
इस मौके पर भारत सरकार के केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्वनी चौबे भी सपरिवार सिमरिया धाम पहुंचे जहां चिदात्मन जी महाराज के द्वारा उनका सम्मान किया गया। भारत सरकार के मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि सिमरिया गंगा धाम अनादि काल से कुंभस्थली रही है और लोगों के प्रयास से वर्ष 2011 से पुनः यहां कुंभ का आयोजन किया जा रहा है और आगामी अनंत वर्षों तक यहां कुंभ का आयोजन होता रहेगा।
क्योंकि भौगोलिक एवं पारंपरिक दृष्टिकोण से भी सिमरिया का अपना एक खास महत्व है और यहां समुद्र मंथन के साथ-साथ अन्य ऐतिहासिक प्रमाण भी मिलते हैं। वहीं उन्होंने सरकार को घेरे में लेते हुए कहा कि आज कई ऐसे लोग हैं जो सनातन विरोधी बातें करते हैं लेकिन ऐसे लोग सिर्फ वोट की राजनीति के लिए सनातन विरोधी बात करते हैं उनकी कहीं से भी चलने वाली नहीं है बल्कि यूं कहा जाए कि सनातन का विरोध करने वाले लोगों को इस धरती पर रहने का भी कोई अधिकार नहीं है।
वहीं चिदात्मन जी महाराज ने कहा कि सिमरिया आदि कुंभ स्थली है और यह भगवान श्री राम की कर्मस्थली एवं जनक नंदिनी सीता की जन्मस्थली रही हैं। सिमरिया की ऐसे कई पुरानी मान्यताएं हैं लेकिन सिमरिया में समुद्र मंथन के भी प्रमाण मिलते हैं और यहां अनादि काल से कुंभ का आयोजन होता था। बीच के कुछ वर्षों में यह प्रथा लुप्त हो गई। लेकिन पुनः इसे पुनर्जीवित किया गया है अब यह कुंभ एवं अर्ध कुंभ नियत समय पर चलती रहेगी और श्रद्धालु इसका लाभ उठाते रहेंगे।
बेगूसराय संवाददाता सुमित कुमार बबल्