सनातन धर्म के जड़ में भगवान विष्णु का वास होता है – स्वामी चिदात्मन जी महाराज
सिमरिया धाम स्थित सिद्धाश्रम कालीधाम सर्वमंगला आध्यात्म योग विद्या पीठ सिमरिया धाम के ज्ञान मंच से नियमित रूप से हो रहे भागवत कथा में प्रवचन देते हुए करपात्री ,अग्निहोत्री, प्रातः स्मरणीय, परम पूज्य संत स्वामी परमहंस चिदात्मन जी महाराज ने व्यक्त किया।
सिमरिया धाम स्थित सिद्धाश्रम कालीधाम सर्वमंगला आध्यात्म योग विद्या पीठ सिमरिया धाम के ज्ञान मंच से नियमित रूप से हो रहे भागवत कथा में प्रवचन देते हुए करपात्री ,अग्निहोत्री, प्रातः स्मरणीय, परम पूज्य संत स्वामी परमहंस चिदात्मन जी महाराज ने व्यक्त किया।
डीएनबी भारत डेस्क
सनातन धर्म के जड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। सनातन के जड़ में वेद, ब्राह्मण, यज्ञ और तपस्या है। तथा सभी देवताओं के स्वामी भी भगवान विष्णु ही हैं। उक्त सारगर्भित अनमोल वचन सोमवार को सिमरिया धाम स्थित सिद्धाश्रम कालीधाम सर्वमंगला आध्यात्म योग विद्या पीठ सिमरिया धाम के ज्ञान मंच से नियमित रूप से हो रहे भागवत कथा में प्रवचन देते हुए करपात्री ,अग्निहोत्री, प्रातः स्मरणीय, परम पूज्य संत स्वामी परमहंस चिदात्मन जी महाराज ने व्यक्त किया।
उन्होंने सिमरिया धाम का बखान करते हुए कहा कि कार्तिक मास में अगर कोई व्यक्ति सिमरिया धाम में तप करते हैं तो उनके पितर प्रसन्न हो जाते हैं। वह पूर्वज हमारे ऋषि हैं और वह नभ से पुष्प वर्षा करते हैं। जिससे वह व्यक्ति पितृ ऋण से मुक्त हो जाता है। आगे उन्होंने रामघाट की विशेषता पर कहा कि धन्य है वह प्राणी जिसकी मृत्यु राम राम रटते रटते हो। उससे बढ़कर उसका कोई पराक्रम नहीं हो सकता है।
आगे उन्होंने कथा में कहा कि आप सब से बच सकते हैं पर भगवान विष्णु के नजरों से नहीं। क्यूंकि भगवान विष्णु प्राणी के सर्वांग शरीर के पांचों ज्ञान इंद्री में निवास करते हैं। इसलिए आप किसी भी प्रकार के कार्यों को करने से पहले जरुर भगवान विष्णु का ध्यान कर लें। मौके पर रविन्द्र ब्रह्मचारी, सत्यानंद, सदानंद, अरविंद, राम, श्याम, लक्ष्मण, मिडिया प्रभारी नीलमणि सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु संत, महात्मा उपस्थित थे।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार