डीएमसीएच के विकास की मंजूरी के बाद मंत्री संजय झा ने जताई खुशी, कहा ‘उत्तर बिहार की जनता को सौगात’

डीएमसीएच में 2500 बेड के नये अस्पताल का निर्माण राज्य सरकार द्वारा मिथिला सहित संपूर्ण उत्तर बिहार की जनता के लिए शानदार सौगात : संजय कुमार झा। जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया, कहा, आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना मुख्यमंत्री के सात निश्चय 2 का एक प्रमुख अवयव। पूछा, बीते एक-डेढ़ माह में ऐसा क्या हुआ, कि केंद्र सरकार एम्स के लिए आवंटित भूमि लेने से फिर मुकर रही

 

डीएनबी भारत डेस्क 

डीएमसीएच, दरभंगा के विकास और इसके परिसर में 2100 बेड के नये सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निर्माण के 2500 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर खुशी का इजहार करते हुए जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने इसे राज्य सरकार द्वारा मिथिला सहित संपूर्ण उत्तर बिहार की जनता के लिए शानदार सौगात बताया है और इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के प्रति आभार जताया।

उन्होंने कहा कि आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना मुख्यमंत्री के सात निश्चय 2 का एक प्रमुख अवयव है। इससे पहले वर्ष 2019 में भी डीएमसीएच में 400 बेड के नये भवन के निर्माण को मंजूरी दी गई थी। करीब 600 करोड़ रुपये की लागत से उक्त भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। इस तरह डीएमसीएच में कुल 2500 बेड का नया एवं अत्याधुनिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल कुल 3100 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। संजय कुमार झा ने कहा कि डीएमसीएच के विकास का फैसला ऐसे समय में हुआ है, जब दरभंगा में एम्स निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा बहादुरपुर अंचल में शोभन-एकमी बाईपास के निकट मुफ्त जमीन उपलब्ध कराने और उसमें मिट्टी भराई, चहारदीवारी निर्माण तथा फोरलेन कनेक्टिविटी के लिए खुद माननीय मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार आश्वासन देने, कैबिनेट से मंजूरी मिलने और टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बावजूद केंद्र सरकार का रुख सकारात्मक नहीं दिख रहा है।

संजय कुमार झा ने कहा कि शोभन-एकमी बाईपास के निकट आवंटित भूमि का केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ जाकर स्थल निरीक्षण किया था। केंद्रीय टीम में शामिल अधिकारियों के हवाले से 29 अप्रैल 2023 को खबर छपी थी कि आवंटित भूमि केंद्रीय टीम को पसंद आई है। ऐसे में यह सवाल महत्वपूर्ण है कि पिछले एक-डेढ़ महीने में ऐसा क्या हुआ, कि केंद्र सरकार एक बार फिर आवंटित भूमि लेने से मुकर रही है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन वित्त मंत्री स्व अरुण जेटली द्वारा बिहार को दूसरा एम्स देने की घोषणा की गई थी। लेकिन यह किस शहर में बने, इसका फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना था, क्योंकि एम्स के लिए भूमि राज्य सरकार को मुफ्त उपलब्ध करानी थी। मुख्यमंत्री ने दोटूक कहा था कि पीएमसीएच के बाद बिहार का दूसरा सबसे पुराना मेडिकल कॉलेज अस्पताल डीएमसीएच है, इसलिए बिहार का दूसरा एम्स भी दरभंगा में ही बनेगा।

Midlle News Content

संजय कुमार झा ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्णय के अनुरूप हमलोग लगातार प्रयास कर रहे थे कि बिहार के लिए घोषित दूसरे एम्स के दरभंगा में निर्माण को केंद्र सरकार से मंजूरी मिले। इस संबंध में हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिख कर भी बिहार सरकार की भावना से अवगत कराया। दिल्ली में पीएमओ की बैठक में राज्य के मुख्य सचिव द्वारा भी बताया गया कि बिहार सरकार ने दूसरा एम्स दरभंगा में बनाने का निर्णय लिया है। इसके बावजूद, केंद्र की ओर से आगे की कार्यवाही नहीं हो रही थी। तब खुद मुख्यमंत्री ने 2 मार्च 2019 को पटना में आयोजित स्वास्थ्य मंत्रालय के एक कार्यक्रम में पहुंचे तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा जी से बात कर बिहार के लिए घोषित दूसरा एम्स दरभंगा में मंजूर करने की सलाह दी। बाद में जब हर्षवर्धन जी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बने तब मुख्यमंत्री ने उनसे भी बात की और दरभंगा में एम्स के निर्माण को मंजूरी दिलाने का अनुरोध किया। आखिर पांच साल से ज्यादा वक्त बीतने के बाद, सितंबर 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार के लिए घोषित दूसरे एम्स को आधिकारिक रूप से मंजूरी दी।

संजय कुमार झा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहले डीएमसीएच को अपग्रेड कर एम्स बनाने का सुझाव दिया था, लेकिन केंद्रीय टीम को उस पर आपत्ति थी। फिर डीएमसीएच की खाली भूमि का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन जायजा लेने पहुंची केंद्रीय टीम ने उस भूमि में भी कई समस्याओं का जिक्र किया था, जिनमें 25 एकड़ भूमि रेलवे लाइन की दूसरी तरफ स्थित होना, अस्पताल परिसर के बीच से सड़क गुजरना और लो लैंड के कारण जल निकासी की प्रयाप्त व्यवस्था न होना प्रमुख थी। मुख्यमंत्री ने पहले संबंधित विभागों के अधिकारियों से डीएमसीएच की भूमि को लेकर बताई गई दिक्कतों को दूर करने के निर्देश दिये। लेकिन, फिर लगा कि डीएमसीएच परिसर में एम्स बनने से डीएमसीएच के विकास में दिक्कत होगी और क्षेत्र को जाम से जूझना पड़ेगा। तब दरभंगा के जिलाधिकारी द्वारा एम्स के लिए दूसरी भूमि आवंटित करने का सुझाव दिया गया। देश में ज्यादातर एम्स ग्रीनफील्ड एरिया (खाली जमीन) में ही स्थापित हुए हैं। इसे देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा बहादुरपुर अंचल अंतर्गत शोभन-एकमी बाईपास के निकट की जमीन चिह्नित की गई।

संजय कुमार झा ने कहा कि जनवरी 2023 में अपनी समाधान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने चिह्नित भूमि का स्थल निरीक्षण किया और उसे उपयुक्त पाया था। मार्च 2023 के पहले सप्ताह में उनकी अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में शोभन-एकमी बाईपास के निकट भूमि आवंटित करने को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में और बाहर भी बार-बार स्पष्ट किया कि दरभंगा एम्स के लिए राज्य सरकार न सिर्फ जमीन मुफ्त आवंटित करेगी, बल्कि उसके विकास के लिए जो कुछ भी करना होगा, वह भी अपने स्तर से कराएगी। अप्रैल 2023 में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में दरभंगा एम्स के लिए 189.17 एकड़ भूमि में मिट्टी भराई, उसके समतलीकरण तथा चहारदीवारी निर्माण के लिए कुल 309 करोड़ 29 लाख 59 हजार रुपये खर्च करने की स्वीकृति दी गई। राज्य सरकार द्वारा उक्त भूमि पर मिट्टी भराई, समतलीकरण एवं चहारदीवारी निर्माण के लिए निविदा की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है। साथ ही, इस कार्य के लिए जल संसाधन विभाग बिहार ने खिरोई नदी की तलहटी और बागमती नदी के हनुमाननगर से जटमलपुर तक के इलाके से मिट्टी मुफ्त देने की सहमति भी दे दी है।

संजय कुमार झा ने कहा कि आवंटित भूमि आमस-दरभंगा फोरलेन से सिर्फ पांच किमी दूर है। बिहार सरकार हाईवे से आवंटित भूमि तक फोरलेन सड़क का भी निर्माण करायेगी, ताकि उत्तर बिहार के किसी भी जिले से लोग जाम में फंसे बिना सुगमता पूर्वक दरभंगा एम्स तक पहुंच सकें। यह स्थल दरभंगा एयरपोर्ट के भी नजदीक है। इससे दरभंगा एम्स में देश-विदेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों का आना-जाना सुगम होगा। साथ ही गंभीर मरीजों को एयर एंबुलेंस के जरिये यहां लाना या यहां से बाहर ले जाना संभव होगा। उन्होंने कहा कि पटना में एम्स का निर्माण शहर से 12 किमी दूर फुलवारीशरीफ में हुआ है, जिससे नये इलाके का तेजी से विकास हुआ है। दरभंगा में भी शहर की सीमा पर एम्स का निर्माण होने से शहर को एक नया विस्तार मिलेगा। क्षेत्र में नये आवासीय एवं व्यावसायिक परिसरों का निर्माण होगा और रोजगार के नये-नये अवसर पैदा होंगे। दरभंगा एम्स का निर्माण अलग भूमि पर होने से डीएमसीएच के विकास एवं विस्तार की बाधाएं भी दूर हो गईं।

संजय कुमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से पुन: अनुरोध किया कि दरभंगा एम्स के लिए आवंटित भूमि पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए आगे की कार्यवाही शुरू करे।

- Sponsored -

- Sponsored -