सामाजिक सुरक्षा-पेंशन की राशि वृद्धि को लेकर वृद्ध व असहाय महिला एवं दिव्यांगों ने किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

 

डीएनबी भारत डेस्क

खागड़िया- इस ढलती उम्र में बाल-बच्चों अथवा परिवार जनों की उपेक्षा का शिकार वृद्ध दिव्यांग व असहाय महिला को अपनों की ही नजरों में ही उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में वृद्ध का एकमात्र सहारा सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए सरकार को ही संविधान प्रदत्त अधिकार के तहत उत्तरदायित्व लेना होगा।

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बता दें बिहार सरकार व केन्द्र सरकार मात्र 400/- रू. की राशि सामाजिक सुरक्षा पेंशन हेतु निर्धारित किया है, जो इस मंहगाई से भरे जमाने के लिए ये राशि कुछ नहीं है इस राशि से आप एक कप चाय व एक बिस्कुट भी नहीं खरीद सकते हैं, अन्य राज्यों में कहीं 1500/-रू से लेकर एवं 6000/- तक दी जाती है।अगर सहयोग बिहार सरकार यदि कर देती है तो परिवार द्वारा हो रही उपेक्षा तथा उनसे जुड़े हुआ अपराध व पारिवारिक हिंसा में व्यापक रूप से कमी आयेगी।

उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जिले में वृद्धाश्रम का निर्माण प्रत्येक प्रखंड में अतिशीघ्र किया जाय। .अत्यधिक वृद्ध होने के कारण आधार कार्ड में दी गयी अंगुठा का निशान का मिलान नहीं होने के वजह से हजारों पेंशन धारियों का पेंशन रोक दिया गया है अतः वैकल्पिक पहचान पत्र की व्यवस्था कर पेंशन पुनः जारी किया जाय।

कोरोना काल के दौरान ट्रेनों में वृद्ध, दिव्यांग को मिलने वाली रियायती दर पर टिकट बंद कर दी गयी थी, इसे पुनः चालू किये जाने, सभी छोटे-मंझौले स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म को ऊँचा करने, सभी ट्रेनों के सभी वोगियों में बृद्ध एवं विक्लांगों के लिए 25% टिकट आरक्षित व सुरक्षित किये जाने, सभी फूट ओवरब्रिज पर आने-जाने के लिए रैम्प, लिफ्ट, स्किलेटर का निर्माण किये जाने, सहित रेल क्षेत्र के विकास से जुड़े विभिन्न मागों के सवाल पर खगड़िया स्टेशन परिसर उत्तरी भाग में वृद्ध, दिव्यांग व असहाय महिलाओं का सम्मेलन आयोजित किया गया है जो खगड़िया स्टेशन अधीक्षक और जिला पदाधिकारी को मांगों से संबंधित विज्ञापन सौंपा।

खगड़िया संवाददाता राजीव कुमार की रिपोर्ट

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