राष्ट्रकवि दिनकर के छोटे पुत्र केदारनाथ सिंह का दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान निधन, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की उपस्थिति में सिमरिया गांव में कल मनाई जानी है राष्ट्रकवि दिनकर की जयंती
लगभग 90 वर्षीय केदारनाथ सिंह पिछले 02 महीना से थे बिमार, एम्स दिल्ली में इलाज के दौरान 22 सितंबर शुक्रवार को ली अंतिम सांस।
लगभग 90 वर्षीय केदारनाथ सिंह पिछले 02 महीना से थे बिमार, एम्स दिल्ली में इलाज के दौरान 22 सितंबर शुक्रवार को ली अंतिम सांस।
डीएनबी भारत डेस्क
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के दो पुत्र में छोटे पुत्र केदारनाथ सिंह का 22 सितंबर शुक्रवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पूरे देश के सहित्य जगत एवं राष्ट्रकवि दिनकर की जन्मस्थली सिमरिया गांव में शोक की लहर दौर गई है।
लगभग 90 वर्षीय केदारनाथ सिंह पिछले दो महिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और एम्स दिल्ली के नामचीन चिकित्सक के सानिध्य में उनका इलाज चल रहा था। पर ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था और शुक्रवार 22 सितंबर की सुबह अस्पताल में ही उन्होंने इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। अचानक उनके निधन की खबर से बेगूसराय जनपद में शोक की लहर फैल गई है। स्व केदारनाथ सिंह अपने पीछे पत्नी एवं एक पुत्र व एक पुत्री छोड़ गए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि केदारनाथ सिंह समाजिक गतिविधियों में रूचि रखने वाले काफी मिलनसार स्वभाव इंसान थे।
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के दो पुत्रों में छोटे केदारनाथ सिंह ने अपने राष्ट्रकवि पिता के स्मृति को अक्षुण्ण रखने दिनकर जी के पैतृक गांव व उनकी जन्मस्थली सिमरिया स्थित आवास को उन्होंने पूरी श्रद्धा से एक संग्रहालय का रूप दिया। जिसमें राष्ट्रकवि दिनकर द्वारा पढ़ी जाने वाली रामायण सहित अन्य पुस्तकों के साथ उनके द्वारा लिखी गई प्रमुख पुस्तकें भी उपलब्ध थी।
इतना ही नहीं छोटे पुत्र केदारनाथ सिंह ने राष्ट्रकवि दिनकर उपयोग में लाए जाने वाला वस्त्र, छड़ी, पलंग, बिछावन, तकिया, मछड़दानी, बक्सा, चश्मा, पुस्तक पढ़ने वाला स्टेंड व अन्य दैनिक उपयोग की सामानों को व्यवस्थित ढ़ंग से सजा कर उनके सयन कक्ष में रखवाया था। जिसे देखकर आज भी लोग यह कहते नहीं चूकते कि लगता है दिनकर जी यहीं कहीं हैं।
यही नहीं राष्ट्रकवि दिनकर जयंती एवं पुण्यतिथि दो अवसरों पर जिला और प्रदेश के अधिकारी, राष्ट्रीय स्तर के साहित्यकार, जनप्रतिनिधि ना केवल दिनकर समारोह में शिरकत करते हैं। बल्कि उनके छोटे पुत्र के साथ उनके आवास पर जाकर अलौकक प्रतिमा दर्शन, उनकी स्मृति में रखे अनमोल पुस्तकें एवं राष्ट्रकवि के दैनिक जीवन संस्मरण से रूबरू भी होते थे।
बताते चलें की बातौर मुख्य अतिथि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की उपस्थिति में शनिवार 23 सितंबर को सिमरिया गांव में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 115 वीं जयंती मनाई जानी है। उनके निधन पर भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव कुमार वर्मा, भाजपा नेता केशव शाण्डिल्य, सांसद प्रतिनिधि सह वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र कुमार अमर, सुनिल सिंह, राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति विकास समिति सिमरिया के सभी सदस्य, वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण प्रियदर्शी, अमरदीप सुमन, डाॅ कुंदन कुमार, राहत रंजन, प्रदीप कुमार, ललन सिंह, समाजसेवी कृष्ण मुरारी सहित जिले के तमाम साहित्यकार एवं बुद्धिजीवियों ने दुख व्यक्त किया है।