रेल मंत्रालय ने आईआरसीटीसी को ट्रेनों में परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों के मेन्यू में बदलाव करने की छूट दी

रेल यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने लिया यह फैसला।

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रेल यात्रियों की सुविधा एवं ट्रेन में बेहतर खान पान की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने लिया यह फैसला।

डीएनबी भारत डेस्क 

ट्रेनों में खानपान सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए रेल मंत्रालय ने आईआरसीटीसी को मेन्यू में जरूरी बदलाव करने की छूट देने का निर्णय लिया है ताकि क्षेत्रीय व्यंजनों, प्राथमिकताओं, मौसमी व्यंजनों, त्योहारों के दौरान आवश्यकता, यात्रियों के विभिन्न समूहों की पसंद के अनुसार जैसे मधुमेह भोजन, शिशु आहार, बाजरा आधारित स्थानीय उत्पादों सहित स्वास्थ्य भोजन विकल्प आदि खाद्य पदार्थों को शामिल किया जा सके। तदनुसार, सक्षम प्राधिकारी ने निम्नलिखित का अनुमोदन किया है।

1) जिन प्रीपेड ट्रेनों में केटरिंग शुल्क यात्री किराए में शामिल है उनके लिए मेन्यू का निर्धारण आईआरसीटीसी द्वारा पहले से अधिसूचित टैरिफ के भीतर किया जाएगा। इसके अलावा इन प्रीपेड ट्रेनों में भोजन के अलग-अलग व्यंजनों और एमआरपी पर ब्रांडेड खाद्य पदार्थों की बिक्री की भी अनुमति होगी। भोजन के ऐसे अलग-अलग व्यंजनों का मेन्यू और टैरिफ आईआरसीटीसी द्वारा तय किया जाएगा।

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2) (क) अन्य मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए, मानक भोजन जैसे बजट श्रेणी के खाद्य पदार्थों का मेन्यू पहले से अधिसूचित टैरिफ के भीतर आईआरसीटीसी द्वारा तय किया जाएगा। जनता भोजन के मेन्यू और टैरिफ में कोई बदलाव नहीं होगा।

(ख) मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों में भोजन के अलग-अलग व्यंजनों और एमआरपी पर ब्रांडेड खाद्य पदार्थों की बिक्री की अनुमति होगी। भोजन के ऐसे अलग-अलग व्यंजनों का मेन्यू और टैरिफ आईआरसीटीसी द्वारा निर्धारित किया जाएगा। जनता भोजन के मेन्यू और टैरिफ में कोई बदलाव नहीं होगा।

3) मेन्यू तय करते समय आईआरसीटीसी यह सुनिश्चित करेगा कि

क) भोजन और सेवा की गुणवत्ता और मानकों में उन्नयन को बनाए रखा गया है और यात्रियों की शिकायतों से बचने के लिए मात्रा और गुणवत्ता में कटौती, स्तरहीन ब्रांडों के उपयोग आदि से सम्बंधित बार-बार और अनुचित बदलाव नहीं होने के लिए जरूरी सुरक्षा उपाय किये गए हैं।

ख) मेन्यू को टैरिफ के अनुरूप होना चाहिए और मेन्यू को यात्रियों की जानकारी के लिए पूर्व-अधिसूचित किया जाना चाहिए तथा इसे पेश किये जाने से पहले इसके बारे में रेलवे को परामर्श दी जानी चाहिए।

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